महाकुंभ नगर, 15 फरवरी । महाकुंभ के आयोजन में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर कई अनूठे प्रयोग किए गए हैं। इसी कड़ी में जल कलश पहल महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसकी स्थापना अरैल घाट सेक्टर 24 निषाद राजमार्ग में की गई है।
जल कलश में महाकुंभ क्षेत्र में प्रयोग की गई पानी की बोतलों को इकट्ठा किया गया है और इन बोतलों को रिसाइकिल करके उपयोग में लाया जाएगा, जिससे प्रकृति में इन प्लास्टिक की बोतलों का दुष्प्रभाव न पड़ सके।अभियान के दौरान 20,000 से अधिक प्लास्टिक की बोतलें एकत्र की गई हैं।
नमामि गंगे मिशन के पूर्व महानिदेशक जी. अशोक कुमार के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के सहयोग से जल कलश पहल को शुरू किया गया है। जल कलश पहल 1 फरवरी से 20 फरवरी तक एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स द्वारा आयोजित बीस दिवसीय अभियान है। इस पहल में स्थानीय स्तर पर आदर्श सेवा समिति और मंगल भूमि फाउंडेशन सहयोग कर रही है।
जी. अशोक कुमार कहते हैं कि महाकुंभ को हरित महाकुंभ बनाने की दृष्टि से महाकुंभ क्षेत्र में उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलों को कलेक्ट करके हमने छोटा सा प्रयास हरित महाकुंभ की ओर किया है। इस महाकुंभ क्षेत्र में जल कलश की स्थापना कर यह संदेश दिया गया है कि मां गंगा की अविरलता और निर्मलता में यह प्लास्टिक बाधा है। इन प्लास्टिक की बोतलों को एक कलश में रखकर यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि प्लास्टिक को गंगा और गंगा के क्षेत्र में नहीं जाने देना है, जिससे हमारी गंगा अविरल और निर्मल रहे।
पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता रामबाबू तिवारी बताते हैं कि मां गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए समाज को अलग-अलग तरीके से प्रयास करने होंगे। जिस प्रकार से इस बार महाकुंभ में ‘एक थाली, एक थैला’ अभियान के माध्यम से गंगा में प्रदूषण होने से बचाया गया, इस प्रकार से जल कलश के माध्यम से भी गंगा को प्रदूषित होने से रोका गया है। अलग-अलग प्रकार की संस्थाएं अलग-अलग तरीके से अपनी हरित महाकुंभ की ओर अग्रसर हैं, उसमें डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स और एचसीएल फाउंडेशन द्वारा किया गया यह पहल बहुत ही सराहनीय है। जल कलश पहल में प्रमुख रूप से मीरा देवी, अरुण कुमार, राज, ऋषिका, यशी, सतीश समेत बहुत सारे स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं।