April 18, 2025
Uttar Pradesh

लोगों को जोड़ने वाली कर्म की राजनीति से ही सभी की भलाई संभव : मायावती

The welfare of all is possible only through the politics of karma that unites people: Mayawati

लखनऊ, 18 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में दोनों राज्यों में पार्टी संगठन की समीक्षा की गई।

बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार सर्वसमाज के करोड़ों गरीब बहुजनों के समुचित हित, कल्याण एवं विकास के हिसाब से कार्य न करके, सपा सरकार की तरह ही, केवल कुछ क्षेत्र व समूह विशेष के लोगों के लिए ही समर्पित है और वैसा ही दिखना भी चाहती है, जिससे यूपी का बहु-अपेक्षित व अति-प्रतीक्षित विकास प्रभावित हो रहा है। जबकि, बसपा की सभी चारों सरकारों में सर्वसमाज को न्याय दिलाने और विकास में उचित भागीदार बनाने के साथ-साथ कानून द्वारा कानून का राज सख्ती से स्थापित करके खासकर करोड़ों दलितों, पिछड़ों, महिलाओं, किसानों और बेरोजगारों आदि अन्य उपेक्षितों के हितों की रक्षा, सुरक्षा व उन्हें न्याय दिलाने पर विशेष बल दिया गया था, जिससे यहां हर तरफ अमन चैन का माहौल था। इसलिए यूपी और उत्तराखंड भाजपा सरकार को भी धर्म को कर्म के बजाय कर्म को धर्म मानकर कार्य करने का सही संवैधानिक दायित्व निभाना जरूरी है, जिसमें ही जन व देशहित पूरी तरह से निहित है।

उन्होंने कहा कि वैसे तो बहुजनों में भी खासकर दलित समाज के वोटों के स्वार्थ की खातिर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती आदि पर याद करने की होड़ सी लगी रही है, किंतु ऐसे समय में भी उनकी प्रतिमाओं का अनादर व उनके अनुयायियों को प्रताड़ित करने और हत्या आदि की वारदातें यह साबित करती हैं कि इन बीएसपी विरोधी पार्टियों में बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के प्रति आदर-सम्मान, निष्ठा व ईमानदारी राजनीति से प्रेरित छलावा है।

बैठक में “ट्रंप टैरिफ गेम” को लेकर पूरी दुनिया में मची आर्थिक खलबली और उथलपुथल का संज्ञान लेते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दुनिया की सबसे विशाल आबादी वाला विकासशील देश होने के नाते भारत के करोड़ों गरीब व पिछड़े बहुजनों की महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की विशेष समस्याएं व चिंताएं हैं, जिसका सरकार को अपनी नीति बनाते समय जरूर खास ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही, ऐसे अकस्मात आए नए आर्थिक चुनौतियों का सामना करते समय भारत को अपने आत्म-सम्मान पर किसी प्रकार की कोई आंच नहीं आने देना चाहिए, यही सरकार से जन अपेक्षा है।

उन्होंने आगे कहा कि देश व खासकर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य में भी द्वेष व विभाजन की संकीर्ण राजनीति खत्म होनी चाहिए तथा लोगों को जोड़ने वाली कर्म की राजनीति के जरिए जन व देशहित में कार्य करना जरूरी है।

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