सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने मंडी जिले में एक युवक को कथित तौर पर फर्जी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) प्रमाण पत्र का उपयोग करके आयुर्वेद विभाग में नौकरी पाने के आरोप में गिरफ्तार किया है जबकि तीन अन्य युवकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं बताया जा रहा है कि 14 और लोग जांच के दायरे में हैं और जांच आगे बढ़ने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला मंडी जिले के सरकाघाट क्षेत्र से संबंधित है।
कांगड़ा जिले के बैजनाथ की निवासी श्वेता शर्मा की शिकायत के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ। उन्होंने क्रमशः 28 और 30 अप्रैल को धर्मशाला और मंडी स्थित सतर्कता कार्यालयों में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर सतर्कता विभाग ने भर्ती और आरोपी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच शुरू की। सत्यापन के दौरान, आरोपी द्वारा प्रस्तुत ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र और अन्य सहायक दस्तावेज जाली और धोखाधड़ी से प्राप्त पाए गए।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार के लिए मिलने वाले लाभों का झूठा दावा करके सरकारी नौकरी हासिल की थी। अधिकारी अब फर्जी प्रमाण पत्रों को तैयार करने से लेकर भर्ती के दौरान उनके सत्यापन और स्वीकृति तक की पूरी प्रक्रिया की जांच कर रहे हैं ताकि इस अवैध गतिविधि में शामिल सभी लोगों की पहचान की जा सके।
सतर्कता ब्यूरो इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या कोई सरकारी अधिकारी, एजेंट या बिचौलिए जानबूझकर या लापरवाही के कारण इस धोखाधड़ी को अंजाम देने में शामिल थे। अधिकारियों ने कहा है कि जांच जारी है और और भी गिरफ्तारियों से इनकार नहीं किया जा सकता है।


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