शिमला, 10 जून मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल में स्थित बनखंडी में दुर्गेशरण्य प्राणी उद्यान का पहला चरण जून 2025 तक पूरा हो जाएगा।
पहले चरण में आगंतुक बाघों और शेरों को समर्पित बाड़ों में लगे शीशे के शीशों के माध्यम से देख सकेंगे। इसके अलावा, दूसरे और तीसरे चरण में भालू और तेंदुआ सफारी और हिम तेंदुओं के लिए एक सेक्शन की योजना बनाई गई है। सुखविंदर सिंह सुखू, सीएम
यह परियोजना कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी बनाने की सरकार की बड़ी योजना का एक हिस्सा है। 180 हेक्टेयर में फैली पूरी परियोजना को तीन वर्षों के भीतर तीन चरणों में पूरा किया जाना है, जिसकी अनुमानित लागत 619 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह पार्क एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने की ओर अग्रसर है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय लोगों और युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मई को हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के बाद इस प्राणी उद्यान के लिए भवनों के निर्माण का प्रबंधन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जाएगा। “इसके अतिरिक्त, चिड़ियाघर की बाड़बंदी, जल संरक्षण गतिविधियाँ, पैदल यात्री मार्ग और जल निकासी व्यवस्था हिमुडा द्वारा संभाली जाएगी। यह अत्याधुनिक प्राणी उद्यान एक केंद्र के रूप में काम करेगा
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र, एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है उन्होंने कहा, ‘‘इसमें वन्यजीवों की झलक और कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन शामिल है।’’
आगामी पार्क की कई प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि चिड़ियाघर में वॉक-इन एवियरी, मोनोरेल सफारी, वॉक-इन एक्वेरियम, प्राकृतिक ट्रेल और प्रागैतिहासिक पार्क शामिल होंगे। “पहले चरण में, आगंतुक समर्पित बाड़ों में कांच की खिड़कियों के माध्यम से बाघों और शेरों को देख सकेंगे। इसके अलावा, दूसरे और तीसरे चरण के लिए भालू और तेंदुए की सफारी और हिम तेंदुओं के लिए एक खंड की योजना बनाई गई थी,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रवेश द्वार पर कांगड़ा गांव की प्रतिकृति होगी, जिसमें स्थानीय वास्तुकला और जीवनशैली को दर्शाया जाएगा। उन्होंने कहा, “इस सुविधा में आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त पार्किंग, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। क्षेत्र की गर्मी को कम करने के लिए वन विभाग विभिन्न स्थानीय पेड़ लगाएगा।”
सुक्खू ने कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य पर्यटन और वन्य जीव संरक्षण को बढ़ावा देना है तथा इस प्राणि उद्यान के बनने से कांगड़ा पर्यटकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन जाएगा, जिससे राज्य में कांगड़ा की प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थिति मजबूत होगी।