March 15, 2025
Himachal

राज्य में विदेशी पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट

There has been a huge drop in the arrival of foreign tourists in the state

हिमाचल प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। वर्ष 2023 में भारत आने वाले 1,92,45,817 आगंतुकों में से केवल 62,806 पर्यटक ही हिमाचल प्रदेश आए, जो कुल FTV का मात्र 0.33% है। वर्ष 2022 में भारत के 85,87,562 में से हिमाचल प्रदेश में 29,333 FTV दर्ज किए गए। त्रिपुरा, उत्तराखंड, सिक्किम और गोवा जैसे छोटे राज्यों में भी हिमाचल प्रदेश से अधिक FTV दर्ज किए गए हैं। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड-पूर्व FTV संख्या को पुनः प्राप्त कर लिया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश ने कोविड-पूर्व FTV का केवल 20% ही पुनर्जीवित किया है।

गोवा में 2023 में 4,52,692 और 2022 में 1,74,799 FTV दर्ज किए गए। उत्तराखंड में 2023 और 2022 में क्रमशः 1,43,027 और 61,561 FTV दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में 2023 में सबसे ज़्यादा 33,87,739 FTV दर्ज किए गए, जबकि गुजरात में 2022 में 17,77,215 मिलियन दर्ज किए गए।

इससे पहले 2017 में 4,70,992 विदेशी पर्यटक हिमाचल पहुंचे, 2018 में 3,56,568 विदेशी पर्यटक आए और 2019 में एफटीवी की संख्या 3,82,876 रही। पिछले साल 82,765 पर्यटक प्रदेश में आए थे।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मार्केट रिसर्च डिवीजन द्वारा विदेशी पर्यटकों के आगमन पर जारी आंकड़ों के अनुसार, 2013 में हिमाचल प्रदेश देश में एफटीवी के मामले में 11वें स्थान पर था, जबकि 2023 में यह 19वें स्थान पर आ गया है।

राज्य में विदेशी पर्यटकों की संख्या में तीव्र गिरावट चिंता का विषय है, क्योंकि पर्यटन इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

पर्यटन उद्योग के लाभार्थियों ने इस बात पर अफसोस जताया कि हिमाचल को ‘स्वदेश दर्शन’, इको-टूरिज्म और ‘राष्ट्रीय तीर्थस्थल पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद)’ जैसी विभिन्न पर्यटन प्रोत्साहन योजनाओं में पर्याप्त हिस्सा नहीं मिला है। पर्यटन व्यवसायी ऋषि ने कहा कि विभिन्न पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए गए ‘देखो अपना देश’, ‘चलो इंडिया’, ‘इंटरनेशनल टूरिज्म मार्ट’, ‘भारत पर्व’ आदि जैसे विभिन्न अभियानों और आयोजनों से हिमाचल को काफी हद तक बाहर रखा गया है।

पर्यटन लाभार्थी अतुल ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत भी हिमाचल प्रदेश को मात्र 64.54 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि कई राज्यों को करीब 2000 करोड़ रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 के तहत देश भर में स्वीकृत 76 परियोजनाओं और चिन्हित विषयगत सर्किटों के तहत 5287.90 करोड़ रुपए तथा स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत 791.25 करोड़ रुपए की 34 परियोजनाओं में से हिमाचल प्रदेश को मात्र 64.54 करोड़ रुपए की एक परियोजना ही मिली है।

एक अन्य विशेषज्ञ अनिल ने कहा, “केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश भर के 23 राज्यों में कम ज्ञात पर्यटन स्थलों के विकास के लिए हाल ही में स्वीकृत 3,295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं में से हिमाचल प्रदेश को एक भी इकोटूरिज्म परियोजना नहीं मिली।”

पर्यटन उद्योग के हितधारकों ने इस बात पर जोर दिया कि लगभग कोई रेल संपर्क नहीं होने और सीमित, महंगी हवाई कनेक्टिविटी के कारण, अगर सरकार समय रहते कदम नहीं उठाती है तो पर्यटकों की संख्या में और गिरावट आ सकती है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को विभिन्न पर्यटन विकास योजनाओं में राज्य के लिए पर्याप्त सहायता और प्रतिनिधित्व प्रदान करना चाहिए।

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