कोलकाता, 8 दिसंबर । भाजपा ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी के बाद इस साल पश्चिम बंगाल में राज्य संस्थाओं द्वारा खाद्यान्न खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण की संख्या में बड़ी गिरावट आई है।
ज्योतिप्रिय मलिक को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, चूंकि किसानों के पंजीकरण की संख्या में गिरावट मंत्री की गिरफ्तारी के साथ हुई है; इससे स्पष्ट है कि पहले पंजीकरण संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही थी।
एलओपी ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों को बताया, “पिछले साल 29 लाख किसानों ने अनाज खरीद के लिए अपना पंजीकरण कराया था। इस साल अब तक यह संख्या सिर्फ 11 लाख है। अब, यह ध्यान में रखना होगा कि केंद्र द्वारा सभी राज्यों को खाद्यान्न खरीद के लिए धन अग्रिम रूप से प्रदान किया जाता है। इसलिए हमारा मानना है कि पिछले साल खरीद प्रक्रिया में किसानों के फर्जी पंजीकरण के माध्यम से धन की हेराफेरी की गई थी। मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस मद में फंड की हेराफेरी 5,000 करोड़ रुपये से कम नहीं होगी।”
अधिकारी ने कहा, हालांकि यह गबन का एक तरीका है, दूसरा तरीका किसानों को वास्तव में उनसे खरीदे गए अनाज की मात्रा के मुकाबले कम पैसे देना है।
एलओपी ने आरोप लगाया, “राज्य में कई जगहों से शिकायतें आ रही हैं कि खरीद एजेंसियां किसानों को वास्तव में खरीदे गए प्रत्येक 20 क्विंटल अनाज के मुकाबले सिर्फ 19 क्विंटल अनाज की कीमत दे रही हैं। इसलिए राज्य सरकार किसानों को भी वंचित कर रही है।”
खबर लिखे जाने तक इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी।