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जातिगत जनगणना कराने के ऐलान से काशी में खुशी की लहर, लोग बोले- सराहनीय कदम

There is a wave of happiness in Kashi due to the announcement of conducting caste census, people said – a commendable step

वाराणसी, 5 मई । केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से जातिगत जनगणना को मंजूरी मिलने के बाद धर्म नगरी काशी में खुशी का माहौल है। सभी लोग दिल खोलकर केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है, जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए। इससे समाज की वास्तविक स्थिति सामने आएगी।

लोगों ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जताते हुए ढोल और नगाड़े भी बजाए और एक-दूसरे को रंग और गुलाल भी लगाया। कई लोगों ने आईएएनएस से बातचीत भी की।

स्थानीय निवासी अतुल पांडेय ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना की लंबे समय से मांग की जा रही थी। इस पर खुलकर चर्चा भी होती थी। राजनीतिक दलों के अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी जातिगत जनगणना की मांग कर रही थीं। लेकिन, आज तक इस दिशा में किसी भी प्रकार का सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, मगर प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में कल एक ऐतिहासिक कदम उठाया, जिसकी हम सब तारीफ करते हैं। हम सभी लोग सरकार के इस फैसले से खुश हैं। हमने अपनी खुशी प्रकट करने के लिए एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाए। ढोल और नगाड़े बजाए। सरकार का यह कदम वाकई में सराहनीय है।

भीम सिंह ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि आज जैसे ही हमने अखबार में जातिगत जनगणना के बारे में पढ़ा, तो यकीन मानिए हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लंबे समय से इस देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन, आज तक इस दिशा में किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया था।

अंशु त्रिपाठी बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला लेकर सराहनीय कदम उठाया है। इससे पूरे देश में खुशी की लहर है। हम चाहते हैं कि वे आगे भी इसी तरह से देशहित में फैसले लेते रहें। इससे देश के विकास को गति मिलेगी।

गोपाल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जातिगत जनगणना का फैसला लेकर बहुत ही अच्छा कदम उठाया है। हम लोग बहुत खुश हैं। हमने अपनी खुशी जाहिर करने के लिए एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। ढोल नगाड़े बजाए। एक-दूसरे को गले लगाया। हम सभी देशवासियों को खुश होना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार देशहित में फैसले लिए जा रहे हैं। इसका हम सभी लोगों को स्वागत करना चाहिए। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से विपक्ष के पास से एक मुद्दा खत्म हो गया है।

बता दें कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जातिगत जनगणना को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया। 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई। जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।

उन्होंने आगे कहा था कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाय, एक सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे सीईसीसी के नाम से जाना जाता है।

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