January 27, 2025
National

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ये उम्मीदवार अपने राजनीतिक विरासत को बचाने की करेंगे कोशिश

These candidates will try to save their political legacy in the first phase of Lok Sabha elections.

लखनऊ, 17 अप्रैल । उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को पहले चरण के मतदान में कुछ उम्मीदवार अपने परिवारों की राजनीतिक विरासत को बचाने की कोशिश करेंगे।

इन उम्मीदवारों के परिवार दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन हाल के वर्षों में उनकी राजनीतिक किस्मत कुछ हद तक डूब गई है। इन चुनावों में इन परिवारों की युवा पीढ़ी अपने परिवार की प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रही है।

ब्रिगेड का नेतृत्व यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद कर रहे हैं, जो प्रतिष्ठित पीलीभीत सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

जितिन प्रसाद कांग्रेस के पूर्व दिग्गज जीतेंद्र प्रसाद के बेटे हैं और उन्हें उस सीट को बरकरार रखने का काम दिया गया है जिसे गांधी परिवार – मेनका और वरुण गांधी का गढ़ माना जाता है। वरुण को टिकट नहीं दिया गया है और जितिन प्रसाद अब मोदी लहर पर सवार हैं।

2009 में, प्रसाद ने धौरहरा से चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि, वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से 2014 और 2019 का चुनाव वो हार गए। प्रसाद 2021 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया और योगी कैबिनेट में फिलहाल मंत्री हैं।

दूसरी उम्मीदवार इकरा हसन हैं जो समाजवादी टिकट पर कैराना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके दादा अख्तर हसन, पिता मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम हसन कई बार इस सीट से जीत चुके हैं।

उनके भाई नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से दूसरी बार सपा विधायक हैं, लेकिन हाल ही में जमानत मिलने तक उन्होंने पिछले कुछ साल जेल में बिताए।

इकरा हसन 2022 में चुनावी मैदान में उतरीं जब उन्होंने जेल में बंद अपने भाई नाहिद हसन के लिए प्रचार किया और सीट पर उनकी जीत सुनिश्चित की। इस बार वह चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप चौधरी से है।

कैराना लोकसभा सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी को राष्ट्रीय लोक दल भी समर्थन दे रहा है जो अब एनडीए का हिस्सा है।

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