पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत अब 200 मनोवैज्ञानिकों की भर्ती की जाएगी, जो नशा छोड़ चुके लोगों को उचित उपचार मुहैया कराएंगे।
सबसे पहले सरकार तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए 200 मनोवैज्ञानिकों की अस्थायी भर्ती करेगी। हालांकि, यह भर्ती छह महीने के भीतर स्थायी कर दी जाएगी।
नशे के खिलाफ जंग की निगरानी के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह जानकारी वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब भवन में प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल में आने वाले नशे के आदी लोगों के साथ मरीजों जैसा व्यवहार करना होगा।
यह निर्णय डेढ़ घंटे तक चली बैठक में लिया गया।
आज डेढ़ घंटे चली बैठक में चीमा ने कहा कि मई महीने में मजीठा में जहरीली शराब से करीब 25 लोगों की मौत हुई है। पुलिस इस मामले में जल्द ही चालान दाखिल करने जा रही है। विशेषज्ञों की एक टीम चालान तैयार कर रही है। कुछ रिपोर्ट का इंतजार है।
मामले को अदालत में इस तरह से पेश किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले। इसके साथ ही बठिंडा में जब्त किए गए आठ हजार लीटर इथेनॉल के मामले में भी हमारे पास पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल शराब और अन्य पदार्थों में होता है। ऐसे में अब इन पर काम होना चाहिए। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में पांच हजार बेड का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही अब निजी अस्पतालों में एक हजार बेड का प्रबंध किया जा रहा है।
Leave feedback about this