N1Live National वो भाषा को दबाते रहे, लेकिन प्रधानमंत्री ने पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलवा दिया: तरुण चुघ
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वो भाषा को दबाते रहे, लेकिन प्रधानमंत्री ने पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलवा दिया: तरुण चुघ

They kept suppressing the language, but the Prime Minister got the status of classical language to five languages: Tarun Chugh

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने को स्वीकृति दी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा है कि ये सराहनीय है।

चुघ ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, यह स्वागत योग्य है।

वहीं, विपक्ष केंद्र के इस फैसले पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की वजह से केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है।

वहीं, शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई थी। साथ ही कहा था कि इस फैसले में सबका योगदान है, और किसी को भी श्रेय लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ लोग जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रेय लेने की कोशिश करेंगे, लेकिन हमें आपकी दया और कृपा की आवश्यकता नहीं है। मराठी भाषा महान है, यह वीरों और संतों की भाषा है।

विपक्ष के आरोप पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, जयराम रमेश और ममता बनर्जी, जिन्होंने दशकों तक सरकार चलाई और दो दशकों तक सत्ता संभाली, उन्होंने इस मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं कहा। एक भी कदम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री मोदी ने इन भाषाओं को मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची में शामिल किया है, जो एक सराहनीय कदम है। आप लोगों के पास मौका था, लेकिन, आप इन भाषाओं को दबाते रहे।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत की भाषाओं, भारत की सनातन, संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। यह कदम देश के नौजवानों को इन भाषाओं के क्षेत्र में शोध करने का मौका देगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

तरुण चुघ ने कहा, जो लोग आज क्रेडिट वार में फंसे हैं। उनके पास कभी मौका था कुछ करने के लिए, लेकिन, उल्टा इसे रोकने का काम किया। यह उनके लिए बहुत बड़ा धक्का है। लेकिन, देश के लिए यह एक मौका है। मैं उन्हें कहूंगा कि वह भी प्रधानमंत्री का धन्यवाद करें, क्रेडिट वार में न फंसे।

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