April 9, 2025
National

बेवजह बातों का बतंगड़ बनाया जा रहा है : अशोक चौधरी

Things are being unnecessarily blown out of proportion: Ashok Chaudhary

जनता दल यूनाइटेड के नेता खालिद अनवर द्वारा औरंगजेब की तारीफ करने पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बेवजह बातों का बतंगड़ बनाया जा रहा है।

उन्होंने खालिद अनवर की तरफ से औरंगजेब के संदर्भ में दिए बयान को लेकर कहा कि वे अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। औरंगजेब को लेकर हिंदुओं में कई तरह के भ्रम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए खालिद अनवर ने ऐसा बयान दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विषय को लेकर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ चर्चा होनी चाहिए, ताकि पूरी स्थिति साफ हो सके। अब कुछ लोग इसे राजनीतिक भावना के मकसद से तूल देना चाह रहे हैं, तो यह एक अलग विषय बन जाएगा।

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सभी व्यक्तियों को अपनी बात रखने का एक अलग तरीका होता है। यह उनका अपना एक तरीका था।

उन्होंने कहा कि जब देश में मुगलों का आगमन हुआ था, तो उस वक्त हमारा जन्म ही नहीं हुआ था। हमने तो इतिहास में उनके बारे में स्कूल और कॉलेज में पढ़ा है। मैं समझता हूं कि मुगलों से हमें नुकसान भी हुआ है और फायदा भी। नुकसान इस संदर्भ में हुआ कि वे आए और हमारे सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाया, लेकिन यह कहना गलत होगा कि मुसलमानों के आगमन के बाद देश पूरी तरह से बर्बाद हो गया, सब कुछ खत्म हो गया।

उन्होंने आगे कहा कि जब मुसलमान आए थे, तो हमारे देश की जीडीपी बुरी नहीं थी, लेकिन हां, जब अंग्रेज आए तो उन्होंने हमारे देश को लूटा। मुगलों से पहले आए लोगों ने भी हमें लूटा। मुगल शासनकाल में कुछ अच्छे काम भी हुए, तो बुरे काम भी हुए। इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि औरंगजेब ने सनातन धर्म को नष्ट किया। मंदिरों पर हमला किया। लोगों से जबरन धर्म परिवर्तन कराए। औरंगजेब ने मुगलिया भावना से काम किया। जिसे कुछ अच्छा मानते हैं, तो कुछ बुरा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इन विषयों पर चर्चा करने का कोई फायदा नहीं है। अब हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि हम देश को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। कैसे विकास के बारे में सोच सकते हैं। अंग्रेज इस देश में आए और हिंदू-मुस्लिम को लड़ाकर चले गए। इसी तरह से मौजूदा समय में भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो हमें लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हम विकास पर ध्यान न दे सकें।

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