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मां के साथ-साथ देशवासियों को समर्पित है यह पदक : हॉकी टीम प्लेयर सुमित

This medal is dedicated to mother as well as countrymen: Hockey team player Sumit

 

सोनीपत, पेरिस ओलंपिक में हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा देखने के लिए मिला। कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी सुमित भी हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। भारतीय हॉकी टीम में डिफेंडर की भूमिका निभाने वाले सुमित का मंगलवार सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अपने स्वागत के मौके पर सुमित ने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। यह पूरे देश के लिए गर्व का पल है। हम कांस्य पदक मैच के अंतिम मिनटों में केवल यही सोच रहे थे कि हमें बस डिफेंस करना है और मेडल जीतना है। मेडल जीतने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। पूरा शहर, गांव स्वागत कर रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह पदक पूरे देशवासियों और मेरी मां को समर्पित है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। मेरा जीवन काफी मुश्किल और संघर्ष से भरा रहा है। इस दौरान मेरे कोच ने माता-पिता का किरदार निभाकर मेरी बहुत मदद की। गांव के सीनियर लोगों का काफी सहयोग मिला। अब हमने बैक टू बैक दो ओलंपिक मेडल जीते है।”

ओलंपिक मेडल जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम के अगले टारगेट पर सुमित ने कहा, “अगले ओलंपिक में मेडल जीतना हमारा लक्ष्य है। फिलहाल हमारा अगला फोकस एशियन चैंपियनशिप पर है। इसके लिए कैंप आयोजित होने जा रहा है। कैम्प में हम पेरिस ओलंपिक में मिले सबक पर काम करेंगे। हमें फारवर्ड लाइन पर भी काम करना है।”

सुमित ने कहा कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, डरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं यह कहूंगा कि डरना नहीं चाहिए, चाहे कैसा भी मौका आए। क्वार्टर फाइनल में हमारी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी। एक खिलाड़ी को रेड कार्ड दे दिया था, लेकिन हम बिना डरे साहस के साथ आगे बढ़े।”

सुमित ने विनेश फोगाट को साहसी खिलाड़ी बताते हुए कहा कि आज देश को उनके साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, “विनेश के खिलाफ एक कठोर फैसला आया है। मैं 10-12 साल से विनेश फोगाट को देख रहा हूं। अगर उनके पक्ष में फैसला आता है, तो भारत को एक और मेडल मिल जाएगा। पूरे देश को विनेश के साथ खड़ा होना चाहिए।”

भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक मैच में स्पेन को 2-1 से हराया था। इससे पहले हॉकी टीम सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों 2-3 से हार गई थी। भारत अपने पूल बी मैच में सिर्फ एक मैच बेल्जियम से हारा था। भारत ने इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया को पुरुष हॉकी में ओलंपिक में 52 साल बाद मात दी थी। कुल मिलाकर, पेरिस ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था।

 

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