लखनऊ, 3 मार्च । उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत का आधार ही भारत की सांस्कृतिक विरासत का मूल है। अभी महाकुंभ समाप्त हुआ और 66 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने स्नान किया लेकिन कहीं भी पत्थर नहीं जुटाया गया। एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा, किसी ने किसी की जाति नहीं पूछी, अमीरी और गरीबी नहीं दिखाई दी। लोगों ने बिना समस्या के महाकुंभ में सनातन की धर्म ध्वजा फहराई। सांसद दिनेश शर्मा रविवार को श्री गुरु वशिष्ठ न्यास के दो दिवसीय विचार महाकुंभ श्रीराम परिषद के समापन में बोले रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि गरुड़ और गिद्ध दो पक्षी होते हैं। दोनों की ही उड़ान लंबी है, गरुड़ की दृष्टि मंदिर के शिखर की और होती है, ताकि वह उस पर बैठ सके, लेकिन गिद्ध की दृष्टि लाश ढूंढती है। किसी ने फालतू कहा, किसी ने मृत्युकुम्भ कहा, तो किसी ने सनातन विरोधी कहा। इनके वक्तव्यों के बाद ही शायद इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो नहीं जाना चाहते थे, उन्होंने वहां पर 11 डुबकी लगाई। लगता है कि त्रिवेणी का साफ पानी देखकर उन्होंने इतनी डुबकी लगाई।
उन्होंने कहा कि सनातन की शक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाइए कि लोकसभा चुनाव में देश की सारी पार्टियों ने जुटकर अपील की और कुल 64 करोड़ लोगों ने वोट डाला लेकिन कुंभ में बिना बुलाए ही 66 करोड़ से ज़्यादा लोग आए।
‘सभ्यताओं का संघर्ष’ विषय पर बोलते हुए प्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि काशी में ज्ञानवापी के तहखाने में शिवलिंग पर वुजू किया जा रहा है, तो क्या हम सोच सकते हैं कि वास्तव में हम आजाद हुए हैं? संभल का हरिहर मंदिर जामा मस्जिद में बदल गया, श्रीकृष्ण जन्मभूमि भी मुक्त नहीं है। क़ुतुब मीनार को 27 जैन मंदिरों को तोड़कर उसके अवशेषों से खड़ा किया गया। सभ्यताओं का संघर्ष यही है, जिसकी लड़ाई अभी भी हम लड़ रहे हैं। संभल में सर्वे टीम को मारने की साजिश किसने रची थी, हमारा संघर्ष तो अपनी संस्कृति और प्रतीकों के लिए ही है। मुस्लिम समाज के हीरोज अलग हैं और भारत के हीरोज अलग हैं। यह बात स्वयं बाबा साहेब आंबेडकर ने कही थी। जिन्ना ने भी भारतीय महापुरुषों को अपमानित किया था।
भारत के पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि 2004 में फ़िल्म आती है जिस्म, जिसमें हेरोइन पति को धोखा देती है और फिर फ़िल्म में ढेरों आपत्तिजनक दृश्य आए। 2018 में ओटीटी आया और उसमें क्या-क्या कंटेंट परोसा जा रहा है, सब जानते हैं। यही संस्कृति पर बड़ा खतरा है। बॉलीवुड कंटेंट, ओटीटी कंटेंट से बलात्कार बढ़ रहे हैं, परिवार टूट रहे हैं और तलाक़ बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पोर्नोग्राफिक कंटेंट के कारण बलात्कार की घटनाओं पर पहली सजा टेड बंडी को अमेरिका में हुई। उसने 30 महिलाओं से बलात्कार कर हत्या की थी। अब तो बच्चियों के साथ भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, सब कुछ ओटीटी कंटेंट के कारण है। फेसबुक पर देखिए सास और दामाद, देवर और भाभी और ना जाने कौन से संबंधों पर व्यभिचारात्मक कंटेंट है। बालाजी टेलीफिल्म्स की एक फ़िल्म, जिसमें एक व्यक्ति को दादी, भाभी और बहन से भी संबंध बनाने के लिए फ़ैंटसाइज़ किया जाता है। ऐसी सभी फ़िल्मों में नाम किसका है, सभी नाम और पात्र हिंदू हैं।
न्यास के संयुक्त सचिव डॉ. अंकुश त्रिपाठी ने न्यास की गतिविधियों के बारे में चर्चा की। सचिव शैलेंद्र जायसवाल ने न्यास की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।
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