July 10, 2025
National

‘संविधान की पुस्तक लेकर घूमने वाले’ को न चुनाव आयोग पर न सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा : संजय जायसवाल

Those who roam around with the Constitution book have no faith in the Election Commission or the Supreme Court: Sanjay Jaiswal

बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने बुधवार को कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर कई दल विरोध कर रहे हैं और मिथ्या प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि एक क्षेत्रीय दल और एक राष्ट्रीय दल के ‘युवराज’ ने क्यों बिहार में चक्का जाम किया था, यह किसी को समझ में नहीं आया।

राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वह खुद तो संविधान की पुस्तक लेकर घूमते हैं, लेकिन न उन्हें संविधान पर भरोसा है और न सुप्रीम कोर्ट पर।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता आधार कार्ड को लेकर सवाल उठाए हैं। साल 2020 में मोदी सरकार लोकसभा में एक विधेयक लाई थी कि आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र और मतदाता सूची के साथ जोड़ना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने उसका विरोध किया था।

राजद और कांग्रेस को आईना दिखाते हुए उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र या मतदाता सूची से जोड़ने का बिल लाया जाता है, तो ये उसका विरोध करते हैं और आज वे इसकी बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनकी हमेशा दोमुंही नीति रही है। ‎उन्होंने कहा कि हाल ही में राजद की एक बैठक में तेजस्वी यादव बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं और शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन के अमर रहने का नारा भी लगवा रहे हैं। उनका यही दोहरा चरित्र है।

‎भाजपा सांसद जायसवाल ने कहा कि 2003 में लालू यादव के समय जब यह कार्य 31 दिन में पूरा हो सकता है, तो आज क्यों नहीं? लालू यादव को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने उस समय कुछ घोटाला किया था। उन्होंने कहा कि महागठबंधन और खासकर राहुल गांधी जानते हैं कि बिहार में उनकी हार निश्चित है, इस कारण वे बहाना ढूंढ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 7.70 करोड़ फॉर्म बांटे गए हैं, आधे वापस जमा भी हो गए हैं, तो दिक्कत क्या है? ‎ ‎उन्होंने कहा कि इस पुनरीक्षण से जितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं, उनकी पोल खुल जाएगी और उनका नाम कट जाएगा। महागठबंधन की चाहत है कि वे वोटर बने रहें, यही कारण है कि वे विरोध कर रहे हैं। ‎ ‎

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