November 22, 2024
National

बांग्लादेश में इस्कॉन के भक्तों को धमकियां देने वालों को गिरफ्तार किया जाए : राधा रमण दास महाराज

कोलकाता, 9 नवंबर । बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने शुक्रवार की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली। इस रैली में संगठन ने खुलेआम नारा लगाया है- ‘एक इस्कॉन भक्त को पकड़ो, फिर कत्ल करो।’ इसकी कोलकाता के इस्कॉन के राधा रमण दास महाराज ने निंदा की है।

राधा रमण दास महाराज ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, “हम सभी देख रहे हैं कि बांग्लादेश में पिछले 90 दिन से जो हिंसा का सिलसिला चल रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। कल जो दृश्य हमने बांग्लादेश की सड़कों पर देखे, वे अत्यधिक परेशान करने वाले थे। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने खुलेआम सड़कों पर निकलकर इस्कॉन के भक्तों को अपहरण करने, यातनाएं देने और फिर उनकी हत्या करने की धमकियां दीं। ये बेहद खतरनाक और घृणित बयान थे। यह भी देखा गया है कि बांग्लादेश सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। हमारी यह मांग है कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वे न केवल बांग्लादेश के धार्मिक वातावरण को विकृत कर रहे हैं, बल्कि सीधे-सीधे हिंसा और हत्या की धमकियां दे रहे हैं।”

उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से इस्कॉन के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है, जो बेहद चौंकाने वाला है। बांग्लादेश के एक मीडिया प्रमुख ने इस्कॉन को प्रतिबंधित करने की मांग की है, और ढाका विश्वविद्यालय में मुस्लिम छात्र संघ ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के इस्कॉन को बैन करने की मांग की है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कट्टरपंथियों को लगता है कि इस्कॉन ने बांग्लादेश के हिंदुओं को एकजुट कर दिया है।

उन्होंने कहा कि जब बांग्लादेश में हिंदू समाज पर अत्याचार हो रहे थे, तो हिंदू लोग सड़कों पर उतरकर केवल अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे थे, और वे हरिनाम कीर्तन के साथ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। कोई हिंसा नहीं, कोई उपद्रव नहीं, सिर्फ सुरक्षा की अपील। इसके बावजूद, कट्टरपंथी शक्तियां इस बात से नाराज हैं कि इस्कॉन ने हिंदू समुदाय को एकजुट कर दिया है। अब वे इस्कॉन के भक्तों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप तक लगा रहे हैं और बांग्लादेश में इस्कॉन को बैन करने की कोशिश कर रहे हैं।

राधा रमण दास महाराज ने इसे “बेहद गंभीर स्थिति” करार देते हुए कहा कि इस तरह के कदम से न सिर्फ इस्कॉन को निशाना बनाया जाएगा, बल्कि बाकी हिंदू और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भी अत्याचार बढ़ सकते हैं। बांग्लादेश में एक समय हिंदुओं की आबादी 30 प्रतिशत थी, जो अब घटकर मात्र 6-7 प्रतिशत रह गई है। कट्टरपंथियों का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को पूरी तरह से खत्म करना है।

उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इस गंभीर स्थिति पर ध्यान दे। बांग्लादेश में हिंदू समाज और इस्कॉन के भक्तों के खिलाफ चल रही हिंसा और धमकियों पर भारत सरकार को बांग्लादेश की सरकार से संवाद करना चाहिए और वहां के हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”

Leave feedback about this

  • Service