मथुरा (उप्र), 9 मार्च
यहां बलदेव कस्बे के दाऊ जी मंदिर में हजारों तीर्थयात्रियों ने ‘हुरंगा’ देखा।
होली के बाद मनाया जाने वाला हुरंगा उत्सव अजीबोगरीब रीति-रिवाजों से भरा हुआ है- पुरुष महिलाओं को पानी के रंग से सराबोर करने की कोशिश करते हैं, और महिलाएं पुरुषों के गीले कपड़े फाड़कर और फिर उन्हें कोड़ों से मारती हैं।
मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि हुरंगा पारंपरिक रूप से “भाभी” और “देवर” (भाभी और देवर) के बीच खेला जाता है।
मंदिर के पुजारी गोविंद पांडे ने बताया कि भगवान कृष्ण इस होली को रेवती (कृष्ण के भाई बलदेव की पत्नी) के साथ खेलते थे।
मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, रेवती के सहयोगियों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएं और कृष्ण के समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले पुरुषों ने एक अनूठी और विशिष्ट शैली में हुरंगा बजाया।
मंदिर के रिसीवर राम कटोर पांडे ने कहा, “कल्याण देव के पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं और पुरुषों के बीच हुरंगा खेला गया था।”
अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और समारोह के दौरान किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
हुरनागा देखने के लिए काफी संख्या में लोग जमा हुए थे।
एसडीएम महाबन नीलम श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्यक्रम को देखने वालों में प्रमुख रूप से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एसीजे प्रीतिंकर दिवाकर, जिलाधिकारी पुलकित खरे और एसएसपी शैलेश कुमार पांडे शामिल थे।
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