N1Live Uttar Pradesh ‘महाकुंभ 2025’ में हजारों श्रद्धालु कर रहे कल्पवास, सूर्योदय से पहले करना होता है संगम स्नान
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‘महाकुंभ 2025’ में हजारों श्रद्धालु कर रहे कल्पवास, सूर्योदय से पहले करना होता है संगम स्नान

Thousands of devotees are doing Kalpavas in 'Maha Kumbh 2025', Sangam bath has to be done before sunrise.

महाकुंभ नगर, 19 जनवरी । महाकुंभ 2025 में हजारों श्रद्धालु संगम तट पर कल्पवास निर्वहन भी कर रहे हैं। रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कल्पवासियों ने बताया कि यह बहुत ही कठिन होता है, जिसमें सूर्योदय से पहले संगम स्नान करने के साथ ही पूरे दिन एक ही बार भोजन करना होता है।

तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर जप-तप और आस्था के महापर्व, ‘महाकुंभ 2025’ का पर्व पहले ही स्नान के साथ शुरू हो चुका है। यहां रोजाना करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं और गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, जिसमें कल्पवासी भी शामिल हैं।

कल्पवासी उदयभान शर्मा ने बताया कि “सूर्योदय से पहले गंगा स्नान करना, उसके बाद पूजा-पाठ किया जाता है। फिर भोजन करके महात्माओं को सुना जाता है। कल्पवास के दौरान सिर्फ एक समय ही भोजन करना चाहिए। यह बहुत ही कठिन तप है।”

कल्पवासी पुष्पा शर्मा ने बताया, “कल्पवास करने का बहुत ही महत्व है। मेरा 16 साल का कल्पवास पूरा हो गया है और इस बार 17वां साल है। कल्पवास के नियमानुसार एक समय का खाना खाया जाता है, लेकिन जो बुजुर्ग हैं, उनमें से कई को दवा लेने के कारण दो समय का भोजन करा दिया जाता है।”

महाकुंभ सनातन संस्कृति एवं आस्था का सबसे बड़ा आयोजन है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करते हैं। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की तिथि से शुरू होकर माघ पूर्णिमा की तिथि तक पूरे एक माह तक किया जाता है।

कल्पवास करने वाले श्रद्धालु नियमपूर्वक, संकल्पपूर्वक एक माह तक संगम तट पर निवास करते हैं और गंगा स्नान कर, जप, तप, ध्यान, पूजन और सत्संग करते हैं। महाकुंभ नगर में भी हजारों श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास करने से 100 सालों तक बिना अन्न ग्रहण किए तप के बराबर फल मिलता है। इस दौरान कल्पवासी सादगीपूर्वक जीवन व्यतीत करते हुए वेद-पुराणों का अध्ययन करते हैं और भगवान को स्मरण करते हैं। कल्पवासी सफेद और पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं।

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