अमृतसर, 28 दिसंबर
हजारों भक्तों ने आज स्वर्ण मंदिर परिसर में ‘अखंड पाठ’ के भोग में भाग लिया और अकाल तख्त पर छोटे साहिबजादों और माता गुजरी को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘मूल मंतर’ का पाठ किया।
अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह और उनकी दादी माता गुजरी को श्रद्धांजलि देने के लिए 10 मिनट के लिए ‘मूल मंतर’ और ‘गुर मंतर’ का पाठ करने का आह्वान किया था, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनके विश्वास के लिए.
इस अवसर पर स्वर्ण मंदिर के हजूरी रागी गुरमेल सिंह के जत्थे द्वारा कीर्तन किया गया तथा बलजीत सिंह द्वारा अरदास की गई।
शहीदी दिवस के इतिहास के बारे में बताते हुए स्वर्ण मंदिर के ग्रंथी ज्ञानी बलजिंदर सिंह ने कहा कि छोटे साहिबजादों के बलिदान ने हमें उस चीज के लिए खड़े होने के महत्व की याद दिलाई, जिसमें हम विश्वास करते थे, चाहे परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों।
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