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आरबीआई एमपीसी की तीन-दिवसीय बैठक शुरू, महंगाई के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर होगा फोकस

Three-day meeting of RBI MPC begins, focus will be on strengthening the economy with inflation

नई दिल्ली, 4 दिसंबर । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक बुधवार से शुरू हो गई है। इस बैठक में केंद्रीय बैंक की कोशिश आर्थिक विकास और महंगाई दर में बैलेंस स्थापित कर देश की अर्थव्यवस्था की गति को तेजी से आगे बढ़ाने पर होगा।

जानकारों कहा है कि बैठक में एक बार फिर फोकस रेपो दर पर है जो पिछली नौ एमपीसी बैठकों से 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है। इस बार भी यथावत रहने की संभावना है।

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत था, जो आरबीआई के 4.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक था।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने नोट में कहा कि आरबीआई के वृद्धि अनुमान में गिरावट और महंगाई दर के अनुमान में बढ़त होने की उम्मीद है। इस कारण रेपो रेट में कटौती की कोई संभावना नहीं है।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, आरबीआई का लक्ष्य आर्थिक प्रगति से समझौता किए बिना महंगाई पर नियंत्रण करना है.

ब्रोकरेज ने कहा, “भारत की जीडीपी मजबूत बनी हुई है। ऐसे में विकास और महंगाई के बीच नीतिगत संतुलन महत्वपूर्ण होगा और एक ‘न्यूट्रल’ रुख एक संतुलित आर्थिक दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करेगा।”

आगे कहा कि इस बैठक के नतीजे पर बाजार और विश्लेषकों की बारीकी से नजर रहेगी, क्योंकि यह विकास और महंगाई की जटिल गतिशीलता के प्रबंधन के लिए आरबीआई के दृष्टिकोण पर और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

वित्त वर्ष 25 के लिए यह पांचवीं एमपीसी बैठक है। पिछली बैठक के दौरान आरबीआई ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा और अपना रुख “न्यूट्रल” कर दिया था।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इसके बाद से रेपो रेट यथावत बना हुआ है।

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