झारखंड के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपई सोरेन ने शनिवार को लोकसभा में पेश केंद्रीय बजट को विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स मुक्त किए जाने की घोषणा मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस प्रावधान से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार जताया।
मरांडी ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जरिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा और आर्थिक स्थिरता मिलेगी। इसी तरह ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ से कम उत्पादक जिलों में सुधार होगा और 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किए जाने से मछुआरे और डेयरी किसान लाभान्वित होंगे। इस बजट में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर दस व्यापक क्षेत्रों में बड़े प्रावधान किए गए हैं।
पूर्व केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने बजट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, ”आम बजट 2025 देश की जनता के सभी हितों को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। यह जनता का बजट है। यह भारत को और भारतवासियों को आगे ले जाने वाला बजट है। यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने का एक रोडमैप है। इसमें गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति और मध्यम वर्ग का विशेष ख्याल रखा गया है। साथ ही नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख की आय पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह मध्यमवर्गीय परिवार को बहुत बड़ी राहत है। इस दूरदर्शी बजट के लिए मैं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूंl”
पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कहा है कि यह सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और समावेशी बजट ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में केंद्र की मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट है। यह बजट गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, छात्रों व आम लोगों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास करेगा। इसमें किसानों तथा छोटे कारोबारियों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनकम टैक्स पर मिली राहत मिडिल क्लास के लिए एक तोहफा है। कैंसर समेत अन्य जीवन रक्षक दवाइयों तथा मेडिकल उपकरणों की कीमतों में कमी का फैसला सराहनीय है। पीएम रिसर्च फेलोशिप तथा आईआईटी एवं नीट में बढ़ रही सीटों से देश में कुशल इंजीनियरों और डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी।