वाराणसी, 15 जनवरी । देश के पहले सार्वजनिक परिवहन रोपवे के तीन स्टेशन लगभग बनकर तैयार हो गए हैं। इन स्टेशनों पर काम पूरा होने के बाद अब ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है। कुलपांच स्टेशन में से तीन (कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा) के निर्माण का काम खत्म हो चुका है। ट्रायल एक महीने में शुरू होगा और यह 1.5 महीने तक चलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास 23 मार्च 2023 को किया था। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 650 करोड़ रुपये है और यह प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। बाकी दो स्टेशनों पर अभी काम जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही पूरा प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा।
मंडलायुक्त कोशलराज शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि रोपवे में तीन स्टेशनों का काम पूरा हो चुका है। कार्य की गति की मौजूदा स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि अभी यह काम तीन चार महीने और खिंच सकता है। लेकिन, हमें उम्मीद है कि हम निर्धारित समय में यह काम पूरा कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस काम को निर्धारित समय में पूरा करने की दिशा में हमने पूरी रूपरेखा पहले ही निर्धारित कर ली थी, जिसके अनुरूप वर्तमान में काम किया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ अन्य काम भी अभी बच रहे हैं, जिन्हें एक महीने में अंदर शुरू कर दिया जाएगा।
हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3,000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा। रोपवे का निर्माण स्वीट्जरलैंड की कंपनी कर रही है।