January 18, 2025
National

हिंदू समाज को एक होने का वक्त, न हम बंटेंगे न कटेंगे : दीपांकर महाराज

Time for Hindu society to unite, we will neither be divided nor divided: Dipankar Maharaj

सहारनपुर, 8 दिसंबर। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में रविवार को सहारनपुर में हिंदू समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान संत समाज के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।

प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि जब साथ खड़े होने का समय हो और आपको काम याद आ जाए तो समझ लेना आपका धर्म संकट में है। बांग्लादेश में हिंदुओं के अत्याचार के विरोध में यह विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। सहारनपुर का हिंदू समाज एक हो रहा है और संदेश दे रहा है कि न तो हिंदू बंटेगा और न ही हिंदू कटेगा।

वहीं सिख धर्म गुरु अमरपाल ने कहा कि हिंदुओं को एक होना पड़ेगा। जब तक हम एक नहीं होंगे, तब तक हम कुछ नहीं कर पाएंगे। एक होने के लिए हमारी विचारधारा एक होनी चाहिए। हिंदू समाज के लोग भी आज आपस में बंटे हुए है। हमें शपथ लेनी होगी कि हमें कोई राजनीतिक तंत्र अलग नहीं कर सकता है और हमें बंटना नहीं है।

धर्मगुरु देशमुख ने कहा कि एक समय हम कश्मीर में काटे गए और एक समय हम पाकिस्तान में और आज बांग्लादेश में काटे जा रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को फांसी दी जा रही है। हमारी बहू-बेटियों से रेप किया जा रहा है। हिंदुओं के व्यापार लूटे जा रहे हैं। बांग्लादेश में जो आज घटना घट रही है, वह आज की नहीं है। यह घटना पीढ़ियों से चली आ रही है। बाबर काल से लेकर बांग्लादेश तक हिंदुओं के साथ यह अत्याचार होता रहा है। उनकी बहू-बेटियों से बदसलूकी होती रही है। उनके परिवारों को तोड़ा जाता रहा है। जब हिंदू बंटा है, तभी हिंदू कटा है। विधर्मियों के द्वारा हमारे हिंदू समाज के ऊपर आक्रमण किया जा रहा है। हिंदुओं को बंद मुट्ठी की तरह एक होना होगा। यदि हम एक होंगे तो किसी की हिम्मत नहीं कि हमारे ऊपर उंगली उठा दे।

उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में इजरायल ने हमला किया तो पूरा मुस्लिम समाज एक हो गया। मुस्लिमों की रक्षा के लिए आवाज उठाई। विश्व भर में फैले हिंदू समाज को एक हो जाना चाहिए। जिस हिंदू गरजेगा, उस दिन जितने विधर्मी हैं वो इतर-बितर हो जाएंगे। हिंदुओं की सामूहिक आवाज बांग्लादेश तक जानी चाहिए। वर्तमान स्थिति के मद्देनजर बांग्लादेश के दो टुकड़े कर दिए जाएं और एक हिस्सा हिंदू भाई-बहनों को दे दिया जाए। विधर्मी और हिंदू समाज के लोग एक नहीं रह सकते।

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