तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए रैलियों और जनसभाओं के साथ ‘समहति दिवस’ (एकता दिवस) मनाया। टीएमसी के शीर्ष नेताओं ने कोलकाता के मेयो रोड पर एक जनसभा की और धार्मिक कट्टरता फैलाने के प्रयासों के लिए विपक्षी नेताओं पर जमकर हमला बोला।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि पार्टी के अंदर कुछ गद्दार हैं, जो लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
हकीम ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में लोगों को मंदिरों और मस्जिदों के नाम पर डराया धमकाया जा रहा है। बंगाल के लोग धार्मिक कट्टरता में विश्वास नहीं रखते, लेकिन समाज को उन लोगों से बचाना होगा जो धर्म के नाम पर लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। समाज को एकजुट रखना होगा। धार्मिक कट्टरता के कारण कई देश बहुत पीछे चले गए हैं, जबकि भारत धर्मनिरपेक्षता के कारण इतना आगे बढ़ा है।
कोलकाता के मेयर हकीम ने कहा कि यह काजी नजरूल इस्लाम का बंगाल है। यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच भाईचारा और दोस्ती है। यहां हम लोगों के धार्मिक विश्वास के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं, हालांकि कुछ गद्दार हैं जो लोगों और पार्टी दोनों को धोखा देते हैं। बंगाल में लोग ऐसे गद्दारों का कभी साथ नहीं देंगे। यह वह धरती है जो हमेशा धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खड़ी रही है।
इस दौरान राज्य मंत्री शशि पांजा, पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य लोग भी जनसभा में मौजूद थे। उन्होंने भाजपा पर वोटर लिस्ट की एसआईआर प्रक्रिया के नाम पर और खासकर 2026 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में लोगों को बांटने का आरोप लगाया।


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