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असम में सीट बंटवारे पर बातचीत में देरी से टीएमसी नाखुश, राहुल की बैठक में नहीं हुई शामिल

TMC unhappy with delay in talks on seat sharing in Assam, did not attend Rahul's meeting

गुवाहाटी, 21 जनवरी । राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से अलग रविवार को असम के गोहपुर में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की। बैठक में कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए, जिसे असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हालाँकि, तृणमूल कांग्रेस बैठक में शामिल नहीं हुयी। पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी के बार बार कहने पर भी कांग्रेस सीट बंटवारे की बातचीत में देरी कर रही है।

26 विपक्षी दलों द्वारा इंडिया गठबंधन बनाने से बहुत पहले, असम में हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में भाजपा की चुनाव मशीनरी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस 12 दलों को एक साथ लाने में सफल रही थी।

संयुक्त विपक्षी मंच में वाम दल, शिवसागर विधायक अखिल गोगोई के रायजोर डोल, पूर्व ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) नेता लुरिनज्योति गोगोई की असम जातीय परिषद (एजेपी) और अन्य शामिल थे। लेकिन संयुक्त मंच में असम की राजनीति में एक प्रमुख पार्टी – ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) नहीं थी।

शुरुआत में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी विपक्षी मंच में जगह नहीं दी गई थी।

इंडिया गठबंधन की घोषणा के बाद स्थिति काफी हद तक बदल गई और टीएमसी और आप दोनों अब विपक्षी गठबंधन के घटक हैं।

तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस जिस तरह से काम कर रही है, उससे पार्टी नेतृत्व खुश नहीं है।

एक टीएमसी नेता ने कहा, “ममता बनर्जी ने पिछले साल सितंबर में विपक्षी नेताओं से सितंबर के अंत या अक्टूबर के मध्य तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में जमीनी स्तर पर तैयारी के लिए सभी को पर्याप्त समय चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आखिरकार कांग्रेस से 31 दिसंबर तक सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करने को कहा था, लेकिन वो भी नहीं हुआ।”

असम तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने आईएएनएस को बताया, “हमने राहुल गांधी के साथ बैठक में भाग नहीं लिया क्योंकि कांग्रेस जिस तरह से गठबंधन को संभाल रही है उससे हम बहुत नाखुश हैं।”

उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए उत्तरी कछार स्वायत्त परिषद चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने कांग्रेस से अधिक वोट हासिल किये।

उन्होंने कहा कि वे इंडिया ब्लॉक के साथ हैं और पार्टी नेतृत्व सीट बंटवारे की बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए आखिरी क्षण तक इंतजार करेगा।

“हमारा मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है। हम भगवा खेमे को सत्ता से बाहर करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”

टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गुट के सहयोगियों के बीच कुछ महीने पहले तनाव बढ़ना शुरू हो गया था। असम में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं। 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ी, लेकिन इस बार बड़ा गठबंधन बनने से सहयोगी दल सीटों की मांग करने लगे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि वे चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक है। इंडिया ब्लॉक के अन्य प्रमुख घटक, तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने लिए कम से कम चार सीटों की मांग की है। वाम दलों ने उन्हें तीन सीटें देने का अनुरोध किया है। रायजोर दल के प्रमुख और शिवसागर विधायक अखिल गोगोई ने खुले तौर पर कहा है कि वह जोरहाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

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