पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपनी वार्षिक ‘शहीद दिवस’ रैली आयोजित कर रही है। यह रैली धर्मतला के एस्प्लेनेड क्षेत्र में होगी, जिसमें लाखों कार्यकर्ता और समर्थक हिस्सा लेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस अवसर पर जनसभा को भी संबोधित करेंगी।
तृणमूल कांग्रेस के लिए इस बार यह रैली 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले होने के कारण विशेष महत्व रखती है। रैली की तैयारियों के लिए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। लगभग 5,500 पुलिसकर्मियों को शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है, विशेष रूप से एक्साइड क्रॉसिंग से श्यामबाजार तक।
वहीं, यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए कई सड़कों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और कई स्कूलों ने आज ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया है। टीएमसी ने इस बार रिकॉर्ड भीड़ की उम्मीद जताई है, क्योंकि यह रैली हाल के लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में पार्टी की शानदार जीत के बाद हो रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ममता बनर्जी इस मंच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साध सकती हैं, खासकर बंगाली प्रवासियों के कथित उत्पीड़न और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ।
तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाती है, ताकि 1993 में कोलकाता में हुई एक हिंसक घटना में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी जा सके। उस समय ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और उन्होंने मतदाता पहचान पत्र को मतदान के लिए एकमात्र दस्तावेज बनाने की मांग को लेकर एक रैली का आयोजन किया था।
यह रैली तत्कालीन वामपंथी सरकार के खिलाफ थी, जिस दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। इस घटना ने ममता बनर्जी के राजनीतिक करियर को नई दिशा दी और उनकी छवि एक जुझारू नेता के रूप में उभरी। 1998 में टीएमसी के गठन के बाद इस दिन को पार्टी ने ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाना शुरू किया।
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