धर्मशाला नगर निगम सीमा के भीतर सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने वाले विक्रेताओं को अब नगर निकाय से लाइसेंस लेना आवश्यक होगा।
नगर निगम द्वारा यह कदम सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिसका उद्देश्य तंबाकू की बिक्री को विनियमित करना, नाबालिगों की सुरक्षा करना तथा सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त बनाए रखना है।
नगर निगम आयुक्त ज़फ़र इक़बाल ने कहा कि सभी मौजूदा और नए विक्रेताओं को जल्द से जल्द नगर निगम कार्यालय में तंबाकू बिक्री लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। उन्हें निर्धारित शुल्क जमा करना होगा और पंजीकरण की औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी प्रतिष्ठान में हुक्का, ई-सिगरेट और पानी के पाइप की अनुमति नहीं होगी और विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी दुकानों के आसपास धूम्रपान न हो। नियमों के अनुसार, बिना लाइसेंस के तंबाकू बेचने पर पहली बार अपराध करने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना या तीन महीने तक की कैद या दोनों हो सकते हैं।

