पालमपुर, 1 अगस्त मुख्यमंत्री शांता कुमार ने पालमपुर में ‘पर्यटन गांव’ स्थापित करने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन इस परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (एचपीएयू), पालमपुर की 112 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने का विरोध किया है।
आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से एचपीएयू परिसर में ‘पर्यटन गांव’ स्थापित करने के फैसले की समीक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि
पालमपुर के ऊपरी इलाकों में पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है, जो प्रस्तावित ‘पर्यटन गांव’ के लिए अधिक उपयुक्त होगी, उन्होंने कहा कि सरकार को उस भूमि का अधिग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि
विश्वविद्यालय की भूमि का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए, और विश्वविद्यालय परिसर में ‘पर्यटन गांव’ स्थापित करने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अतीत में विश्वविद्यालय की बहुमूल्य भूमि का एक बड़ा हिस्सा अधिग्रहित किया था, और अब वह और अधिक अधिग्रहण करने की योजना बना रही है।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार कंडी क्षेत्र में पहाड़ी की चोटी पर स्थित 3,200 कनाल भूमि का अधिग्रहण करे, जिसे होल्टा टी एस्टेट के मालिक चंद्र प्रभा कंवलजीत सिंह ने हाल ही में ‘पर्यटन गांव’ परियोजना के लिए सरेंडर किया है।
उन्होंने कहा कि पालमपुर में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) स्थापित करने का प्रस्ताव पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘पर्यटन गांव’ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाना चाहिए, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है।