ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हजारों की संख्या में उपस्थित मेहमानों का स्वागत किया। विदेश मंत्री ने इसे बहुत महत्वपूर्ण आयोजन बताया।
एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा ” हर गुजरते साल के साथ प्रवासी अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। चाहे वह प्रौद्योगिकी हो, सर्वोत्तम प्रथाएं या संसाधन हों। चाहे वह पर्यटन, व्यापार या निवेश हो, आप जो दो-तरफा प्रवाह सक्षम करते हैं वह अमूल्य है। भारत में हम जिन जन-केंद्रित परिवर्तनों को बढ़ावा देते हैं, उनसे प्रवासी भारतीयों को भी लाभ होता है।”
विदेश मंत्री ने कहा, “हम ऐसे समय में एकत्र हुए हैं जब दुनिया अधिक अनिश्चित, शायद अधिक अस्थिर प्रतीत हो सकती है। हालांकि, इस अवसर से आप जो संदेश ले जाएंगे वह एक ऐसे भारत का है जो अधिक आत्मविश्वासी, आधुनिक और समावेशी है, जहां परंपरा और प्रौद्योगिकी हाथ में हाथ डाले चलती है। विकसित भारत की ओर यात्रा जारी है, और आप में से प्रत्येक, अपने तरीके से, उस लक्ष्य को साकार करने में योगदान दे सकता है। मैं आप सभी का फिर से स्वागत करता हूं और सफल सम्मेलन की कामना करता हूं!”
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा कि मैं प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आए सभी लोगों का स्वागत करता हूं। मैं आप सभी लोगों की गरिमामय उपस्थिति का स्वागत करता हूं। ओडिशा के लिए आप सभी लोगों के प्यार के लिए हम सभी आप लोगों के प्रति आभारी हैं।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन की मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू का भी अभिनंदन किया, जो वर्चुअली इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा में विविध प्रकार की संस्कृति पाई जाती है, जो कि समस्त विश्व में आकर्षण का केंद्र है। ओडिशा हमेशा से प्राकृतिक सौंदर्यता का भी केंद्र रहा है। हम इस बात की खुशी है कि इस बार इस सम्मेलन के लिए ओडिशा का चयन किया गया।