बीएसएफ चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिक्स के लिए आज एम्स, बिलासपुर के कौशल एवं सिमुलेशन केंद्र में तीन दिवसीय बुनियादी, आपातकालीन और अभिघात देखभाल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू हुआ।
एम्स के कार्यकारी निदेशक वी.एस. नेगी ने बताया कि जालंधर से बी.एस.एफ. के 20 चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिक्स शिविर में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस गहन कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाना है, जिसमें व्यावहारिक अभ्यास और विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों का अनुकरण शामिल है। उन्होंने बताया कि कुल 80 बी.एस.एफ. कर्मियों को चार बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा। नेगी ने बताया कि प्रतिभागियों को बुनियादी जीवन समर्थन (बी.एल.एस.), समय-संवेदनशील आपात स्थितियों के प्रबंधन, आघात, आघात, जलन और मस्कुलोस्केलेटल चोटों जैसे आवश्यक जीवन-रक्षक कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बुनियादी और उन्नत वायुमार्ग प्रबंधन तकनीकों पर एक कार्यशाला भी शामिल थी।
यह पहल अपनी तरह की पहली पहल थी और इसका उद्देश्य भविष्य में अन्य संस्थानों और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ट्रॉमा केयर क्षमताओं को बेहतर बनाने का मार्ग प्रशस्त करना था। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बीएसएफ डीआईजी (पंजाब) डॉ. नीता पालीवाल भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मियों के कुल चार बैच अगले तीन महीनों में इस विशेष प्रशिक्षण से गुजरेंगे ताकि महत्वपूर्ण आपातकालीन स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए उनकी तत्परता को मजबूत किया जा सके।