आईसीएआर-केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) द्वारा सतत भूमि प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र (सीओई-एसएलएम), देहरादून के सहयोग से आयोजित ‘सतत भूमि प्रबंधन (एसएलएम) प्रथाओं के माध्यम से लवण प्रभावित क्षेत्रों का प्रबंधन’ विषय पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ।
इस कार्यक्रम में हरियाणा और पंजाब के वन, कृषि, मृदा संरक्षण और सिंचाई विभागों के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इनमें औद्योगिक क्षेत्र के कर्मी, प्रगतिशील किसान और निजी कंपनियों, गैर सरकारी संगठनों और परिवारिक सहयोग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। प्रशिक्षण में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों, लवण-प्रभावित मिट्टी के सुधार और प्रबंधन, जलवायु-अनुकूल और वैकल्पिक भूमि उपयोग रणनीतियों, अनेक प्रकार के तनावों के तहत फसलों की सहनशीलता और लवण-प्रभावित पारिस्थितिक तंत्रों में सतत भूमि प्रबंधन के लिए आवश्यक नीतिगत एवं सामाजिक-आर्थिक आयामों जैसे व्यापक विषयों को शामिल किया गया है।
करनाल स्थित आईसीएआर-सीएसएसआरआई के निदेशक डॉ. आर.के. यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने भूमि क्षरण की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की और लवण प्रभावित भूमि के प्रबंधन के लिए नवीन, किसान-केंद्रित समाधान विकसित करने में सीएसएसआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण का सर्वोत्तम उपयोग करने और प्राप्त ज्ञान को प्रभावी ढंग से व्यवहार में लाने का आग्रह किया


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