कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित ‘प्राकृतिक खेती मिशन’ के अंतर्गत प्राकृतिक खेती पर केन्द्रित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सोमवार को कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में किया गया। इस सत्र में कुलपति प्रो. नवीन कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के अधिकारियों को टिकाऊ खेती के तरीकों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करना है। अपने उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर कुमार ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे यह खेती पद्धति किसानों की आय बढ़ा सकती है और साथ ही मिट्टी की उर्वरता को भी बचा सकती है।
प्रोफ़ेसर कुमार ने यह भी कहा कि भारत कई अन्य देशों की तुलना में काफी कम कीटनाशकों का उपयोग करता है, यह एक ऐसा तथ्य है जो प्राकृतिक खेती के फलने-फूलने की संभावना को रेखांकित करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अलावा, “प्राकृतिक एवं जैविक खेती में पौधों का पोषण एवं संरक्षण” पुस्तक का आधिकारिक तौर पर विमोचन किया गया। प्राकृतिक खेती एवं जैविक कृषि विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित यह पुस्तक रसायन मुक्त खेती में फसल पोषण एवं संरक्षण विधियों पर अत्याधुनिक जानकारी प्रदान करती है।
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