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टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत इलाज का सक्सेस रेट बढ़कर 90 प्रतिशत हुआ: स्वास्थ्य मंत्रालय

Treatment success rate under TB Free India campaign rises to 90%: Health Ministry

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में टीबी के मामले 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से 2024 में 21 प्रतिशत घटकर 187 प्रति लाख हो गए हैं, जो वैश्विक स्तर पर देखी गई गिरावट की दर से लगभग दोगुना है।

भारत ने टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर में वैश्विक कमी (एचआईवी निगेटिव लोगों में टीबी से होने वाली मौतें) की तुलना में अधिक कमी हासिल की है।

इलाज कवरेज बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है, जिससे भारत अन्य उच्च-भार वाले देशों और वैश्विक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज से आगे है। यह उपलब्धि न्यू केस-फाइंडिंग पॉलिसी और देखभाल तक विस्तारित पहुंच की सफलता को दर्शाती है। 2024 में 26.18 लाख से अधिक टीबी रोगियों की पहचान की गई।

टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उपचार की सफलता दर बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है, जो वैश्विक उपचार सफलता दर 88 प्रतिशत से आगे है।

दिसंबर 2024 में शुरू हुए टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत, एआई-सक्षम रिपोर्टिंग वाले हाथ में पकड़े जाने वाले एक्स-रे उपकरण, विस्तारित एनएएटी बुनियादी ढांचा और जनभागीदारी जैसी नई तकनीकों के जरिए 24.5 लाख रोगियों का निदान किया गया है, जिनमें 8.61 लाख लक्षणहीन टीबी के मामले शामिल हैं।

पिछले 9 वर्षों में टीबी कार्यक्रम का वार्षिक बजट दस गुना बढ़ा है। निक्षय पोषण योजना के तहत अप्रैल 2018 से 1.37 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 4,406 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीबी रोगियों को प्रदान की जाने वाली पोषण सहायता का भी विस्तार किया है। निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के अंतर्गत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को संपूर्ण उपचार अवधि के लिए प्रति रोगी 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति माह कर दिया गया। अप्रैल 2018 में इसकी शुरुआत के बाद से 1.37 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 4,406 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।

देश भर में टीबी रोगियों को मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए 2 लाख से ज्यादा माई भारत स्वयंसेवक निक्षय मित्र के रूप में सेवा करने के लिए आगे आए हैं। युवाओं के नेतृत्व वाला यह जीवंत आंदोलन टीबी उन्मूलन को एक जन आंदोलन बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि कोई भी रोगी अपने स्वास्थ्य लाभ की यात्रा में अकेला महसूस न करे।

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