इंटीग्रल कोच फ़ैक्टरी (आईसीएफ), चेन्नई ने आज ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर नव-विकसित डीज़ल हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट (डीएचएमयू) कोचों का पाँच दिवसीय परीक्षण शुरू किया। पहले परीक्षण के दौरान, कालका से शिमला तक एक ट्रेन चलाई गई और वापस भी टायर की स्थिति में ही आई।
उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर अगले कुछ दिनों तक इसी तरह के ट्रायल होंगे, जिसके लिए समय-सारिणी तैयार कर ली गई है। तय कार्यक्रम के अनुसार, इसी रेलवे ट्रैक पर एसी लोड वाली एक और टेयर ट्रेन का ट्रायल रन किया जाएगा। यह ट्रेन कालका से शिमला और वापस आएगी।
इसी प्रकार, कालका से शिमला और वापस ट्रेन का एक और ट्रायल 3 दिसंबर को होगा, जिसमें ट्रैक पर डिज़ाइन भार के अनुसार तीन कोचों की लोडिंग की जाएगी। 4 दिसंबर को, ट्रायल ग्रॉस (लोडेड) स्थिति में किया जाएगा, जबकि अंतिम ट्रायल 5 दिसंबर को किया जाएगा, जिसमें एसी लोड के साथ ग्रॉस स्थिति में कोच कालका से शिमला और शिमला से कालका के बीच आवागमन करेंगे।
हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर डीएचएमयू कोचों के माध्यम से रेल सेवाएँ प्रदान करने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। इन परीक्षणों की सफलता के बाद, कालका और शिमला के बीच डीएचएमयू कोचों के चलने की उम्मीद है।

