पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर के लिए नए अनुमान प्रस्तुत करने को कहा है।
दिल्ली में आयोजित एक बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने यूटी टीम को परियोजना के नए अनुमान और विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
बैठक में शामिल हुए यूटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने के अंत तक मंत्रालय को नए अनुमान भेजे जाएंगे। इनकी जांच करने के बाद मंत्रालय यह निर्णय लेगा कि क्या उसी मुंबई स्थित सलाहकार के साथ आगे बढ़ना है या किसी नए सलाहकार को नियुक्त करना है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना पर काम दो या तीन महीने के भीतर शुरू हो सकता है।
जीएमसीएच-32 राउंडअबाउट के पास से ट्रिब्यून चौक से होते हुए दक्षिण मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज तक 1.6 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर की योजना बनाई गई है। ट्रिब्यून चौक पर यातायात को आसान बनाने के लिए, जहाँ प्रतिदिन 1.35 लाख पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) सहित 1.43 लाख से अधिक वाहनों का भारी आवागमन होता है, तत्कालीन यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनोर ने 3 मार्च, 2019 को 184 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी थी।
रन क्लब द्वारा दायर याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 नवंबर, 2019 को जीरकपुर और ट्रिब्यून चौक को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए दक्षिण मार्ग और पूर्व मार्ग के दोनों ओर 700 पेड़ों को काटने के यूटी प्रशासन के कदम पर रोक लगा दी थी।
1 मई को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई पर लगी रोक हटा दी।
बेंच ने फैसला सुनाया कि 20 नवंबर, 2019 को दिए गए स्टे ने चंडीगढ़ को एक दशक पीछे धकेल दिया है। शहर की परिकल्पना 1950 में की गई थी और इसे उसी तरह नहीं रखा जा सकता था। विकास एक सतत प्रक्रिया थी। शहर की योजना 5 लाख लोगों के लिए बनाई गई थी। लेकिन आज “हम ट्राइसिटी से निपट रहे हैं, जो अब पंचकूला, मोहाली और न्यू चंडीगढ़ से घिरा हुआ है, जिसकी आबादी 15 लाख से अधिक है”।
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