February 2, 2025
Himachal

मेजर दुर्गा मल को ‘शहीदी दिवस’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई

Tributes paid to Major Durga Mal on ‘Martyrdom Day’

धर्मशाला, 27 अगस्त धर्मशाला में मेजर दुर्गा मल के ‘शहीदी दिवस’ पर आयोजित एक समारोह में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई। मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिगेडियर रमेश अत्री (सेवानिवृत्त) ने देश के इस सपूत के बलिदान को याद किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने देश सेवा की शपथ ली।

मेजर दुर्गा मल को 27 मार्च 1944 को ब्रिटिश सैनिकों ने पकड़ लिया और 31 वर्ष की आयु में 25 अगस्त को लाल किले में फांसी पर चढ़ा दिया गया। वह आजाद हिंद फौज के उन बहादुर सेनानियों में से एक थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए खुशी-खुशी मौत को स्वीकार किया।

दुर्गा मल का जन्म 1 जुलाई 1913 को हुआ था। उनके पिता गंगामल गोरखा राइफल्स में नायब सूबेदार थे और मां गृहिणी थीं। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण ब्रिटिश सरकार ने उन्हें लाल किले में कैद कर दिया था। 15 अगस्त 1944 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। धर्मशाला में हिमाचल-पंजाब गोरखा एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह राणा ने कहा, “दुर्गा मल के बलिदान का इतिहास इस देश के युवाओं को हमेशा प्रेरित करता रहेगा और उन्हें कभी नहीं भुलाया जाएगा।”

इस अवसर पर समिति के प्रधान कर्नल एमएस कार्की, उपाध्यक्ष एससी धीमान, कर्नल यशपाल जसरोटिया, पूर्व सैनिक-अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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