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तृणमूल ने राशन वितरण मामले में गिरफ्तार मंत्री से दूरी बनानी शुरू कर दी

Trinamool started distancing itself from the minister arrested in the ration distribution case.

कोलकाता, 2 नवंबर । पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी के बाद उनसे दूरी बनाने के सूक्ष्म संकेत देना शुरू कर दिया है।

वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने बुधवार को कहा कि अगर मल्लिक की भ्रष्टाचार में संलिप्तता साबित हो जाती है, तो पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होगी।

उनहोंने कहा, “पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद मैं बहुत दुखी था। मैं उन्हें राजनीति में लाया और उनकी गिरफ्तारी के बाद मुझे लगा कि अगर मैं उन्हें राजनीति में नहीं लाता तो शायद उनका यह हश्र नहीं होता। मल्लिक की गिरफ्तारी के बाद भी मैं उतना ही दुखी हूं, हालांकि मैं उन्हें राजनीति में नहीं लाया था।“

चट्टोपाध्याय ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पार्टी का घोषित रुख है और इसलिए यदि भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता साबित हो जाती है, तो पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होगी, जैसा कि पार्थ के मामले में किया गया था।”

मल्लिक के उत्तराधिकारी और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष भी अपने पूर्ववर्ती के कार्यकाल के दौरान हुई किसी भी अनियमितता की जिम्मेदारी लेने में अनिच्छुक दिखे।

घोष ने कहा, “मैंने 2021 में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में पदभार संभाला। अगर मेरे कार्यकाल के दौरान अनियमितता की कोई शिकायत है तो मैं निश्चित रूप से जवाब दे सकता हूं। लेकिन मेरे कार्यभार संभालने से पहले हुए किसी भी घटनाक्रम के बारे में मैं कैसे जवाब दे सकता हूं।”

मल्लिक 2011 से 2021 तक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद वन मंत्री के रूप में पदभार संभालते ही उनका पोर्टफोलियो बदल दिया गया था।

इस बीच, सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने कहा : “तृणमूल कांग्रेस शासन के तीसरे कार्यकाल के ढाई साल में राज्य सरकार के किसी भी विभाग के खिलाफ अनियमितताओं की एक भी शिकायत नहीं आई। यह नई तृणमूल है, जैसा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी अक्‍सर कहा करते हैं।”

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