April 18, 2025
Uttar Pradesh

पुलिस पर नहीं, न्यायालय पर भरोसा, कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद : जियाउर्रहमान बर्क

Trust in court, not police, hope for justice from court: Ziaur Rahman Bark

लखनऊ, 18 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के संभल में नवंबर 2024 में हुई हिंसा की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जियाउर रहमान बर्क को बयान दर्ज करने के लिए लखनऊ तलब किया था, जिसके बाद वह बुधवार को बयान दर्ज कराने पहुंचे। इसी बीच मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने पुलिस की जांच, न्यायिक आयोग की कार्यवाही और अपने ऊपर लगे आरोपों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया और पूछताछ के दौरान सभी सवालों के जवाब दिए।

सपा सांसद ने कहा कि आज मुझे न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं वहां जाकर पूरी सच्चाई सामने रखूं। मैं न्याय में विश्वास रखता हूं और हर सवाल का जवाब दूंगा। पुलिस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 161 के तहत दर्ज बयान का कोई कानूनी महत्व नहीं होता, क्योंकि उसमें हस्ताक्षर नहीं होते और वह अदालत में मान्य नहीं होता। बर्क ने दावा किया कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं और न्यायालय में सच सामने आ जाएगा।

सांसद ने कहा कि अगर सिर्फ पुलिस के कहने से सच्चाई साबित हो जाती, तो फिर न्यायालय की आवश्यकता ही नहीं होती। मैं बार-बार कह रहा हूं कि पुलिस के पास रिपोर्ट लिखने की ताकत है, लेकिन जो कुछ भी उन्होंने मेरे खिलाफ लिखा है, वह गलत है। मैं कोर्ट का सहारा लूंगा और मुझे पूरी उम्मीद है कि मुझे इंसाफ मिलेगा। मैं कभी भी किसी भी प्रकार की हिंसा में विश्वास नहीं रखता। मैं चाहता हूं कि प्रदेश और देश में कानून और संविधान का राज हो। अगर कोई मसला है, तो उसका हल न्यायिक तरीके से होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर एक सांसद के साथ गलत होता है तो आम जनता का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा। मैं चाहता हूं कि हर तबके को न्याय मिले। इस देश का संविधान और न्यायालय ही हमारी सबसे बड़ी उम्मीद हैं। मीडिया कर्मियों से उन्होंने कहा कि आपने जो सवाल उठाए, उनमें ही जवाब भी छिपे हुए हैं। जनता सब देख रही है और मैं उम्मीद करता हूं कि अदालत से मुझे न्याय जरूर मिलेगा।

वक्फ बोर्ड और संभल के पुराने मामलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मैंने उन मामलों में भी न्यायालय की शरण ली थी और इस मसले में भी सुप्रीम कोर्ट गए हैं। मैंने खुद भी एक पिटीशन दायर की है और मेरी तरफ से इस केस को वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद देख रहे हैं।

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