झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के दीघा क्षेत्र में नक्सलियों के बिछाए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आने से सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के दो जवान बुरी तरह घायल हो गए हैं। इन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची लाया जा रहा है।
विस्फोट की यह घटना शुक्रवार दोपहर उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षा बलों का दस्ता जंगलवर्ती इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पर था। चाईबासा के एसपी राकेश रंजन ने घटना की पुष्टि की है। चाईबासा के दुरूह जंगलों और पहाड़ियों में पनाह लेकर हिंसक वारदातें अंजाम देने वाले माओवादी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने और अपने ठिकानों तक पहुंचने से रोकने के लिए नक्सलियों ने पूरे इलाके में जमीन के नीचे जगह-जगह आईईडी लगा रखे हैं, जिन पर जवानों के पांव पड़ते या हल्का प्रेशर बनते ही विस्फोट हो जाता है। दो दिन पहले नक्सलियों ने इसी जिले में करमपदा-रेंगडा रेल मार्ग पर आईईडी लगा दिया था, जिसकी चपेट में आकर रेलवे के एक ट्रैकमैन की मौत हो गई थी।
जून महीने में भी सारंडा जंगल में आईईडी विस्फोट की चपेट में आकर सीआरपीएफ के जवान सत्यवान कुमार सिंह शहीद हो गए थे। इसके पहले मार्च महीने में आईईडी विस्फोट की तीन घटनाएं हुई थीं, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर की शहादत के अलावा पांच अन्य जवान-अफसर घायल हुए हैं।
बताया गया है कि भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ते सदस्यों के साथ सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है। चाईबासा में पुलिस और सुरक्षाबलों ने पिछले तीन माह के अंदर नक्सलियों के एक दर्जन से ज्यादा डंप को ध्वस्त करते हुए हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया था।
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