महर्षि मार्कण्डेश्वर (मान्य विश्वविद्यालय), मुलाना में आयोजित दो दिवसीय एमएम शोध महोत्सव-2025 का शनिवार शाम को समापन हो गया। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य अनुसंधान उन्नति, शैक्षिक सहयोग और ज्ञान आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा दिया, जिससे विद्वानों को अपने विचार, दृष्टिकोण और शोध निष्कर्षों को साझा करने का अवसर मिला। विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। शोधकर्ताओं के योगदान को मान्यता देते हुए सर्वश्रेष्ठ शोध पत्रों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। कुलपति हरीश शर्मा ने बताया कि कुल 435 शोधकर्ताओं ने विभिन्न विषयों – चिकित्सा, पैरामेडिकल और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, फिजियोथेरेपी और पुनर्वास विज्ञान, दंत चिकित्सा विज्ञान, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए।
उन्होंने बताया कि शोध पत्रों का मूल्यांकन दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी-रुड़की, सीएसआईआर, एनआईटी, पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़), पंजाबी विश्वविद्यालय (पटियाला) और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (मेरठ) सहित देश भर के संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि यह महोत्सव शोधकर्ताओं, छात्रों और शिक्षाविदों के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिससे वे अपने विचारों को साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह शोध और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम और विकास के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसका अकादमिक और शोध परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
प्रमुख (अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ) डॉ. आदेश के. सैनी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं को अपने शोध को जनता के सामने लाने का अवसर मिलता है और पोस्टर प्रस्तुतियों से शोध निष्कर्ष अधिक प्रभावशाली और सुलभ बनते हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार के शोध महोत्सव आयोजित किये जायेंगे।