डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में ‘फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें मंडी जिले की 27 महिला प्रशिक्षुओं ने इस विषय पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया।
खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रायोजित किया गया था। इस क्षमता निर्माण पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी कौशल और ज्ञान से लैस करके उन्हें सशक्त बनाना था, ताकि वे विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत फल और सब्जी प्रसंस्करण के माध्यम से आजीविका के अवसर पैदा कर सकें।
कार्यक्रम का समन्वय विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने डॉ. अनिल वर्मा और डॉ. अभिमन्यु ठाकुर के सहयोग से किया। प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों और विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव सत्र और लाइव प्रदर्शन शामिल थे। प्रतिभागियों को जूस और पल्प निष्कर्षण, फलों पर आधारित पेय पदार्थ, फ्रूट बार/लेदर (पापड़), ऑस्मोटिकली सूखे उत्पाद, जैम, चटनी, अचार, टमाटर सॉस और केचप बनाने जैसी विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
डॉ. राकेश शर्मा के नेतृत्व में आयोजित समापन सत्र में लघु-स्तरीय फल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से संबंधित प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और विनियामक लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं के बारे में भी बहुमूल्य जानकारी दी। सत्र का समापन प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया के साथ हुआ, जिन्होंने व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अपना उत्साह और प्रशंसा व्यक्त की।
विश्वविद्यालय नियमित रूप से ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, जो न केवल ग्रामीण महिलाओं के कौशल को बढ़ाने में मदद करते हैं, बल्कि स्वरोजगार, आय सृजन और स्थानीय बागवानी उत्पादों के बेहतर उपयोग में भी योगदान देते हैं।
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