कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के तीर्थन घाटी में स्थित पेखरी गांव में सोमवार को भीषण आग लग गई, जिसमें दो आवासीय मकान और चार गौशालाएं नष्ट हो गईं। दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई और ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग से आग को घनी आबादी वाले इस इलाके में अन्य संपत्तियों तक फैलने से पहले ही बुझा दिया गया।
बंजार के एसडीएम पंकज शर्मा ने बताया कि दमकल गाड़ियां तुरंत गांव पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा, “इस गांव में करीब 90 घर एक-दूसरे से सटे हुए बने हैं। अगर आग फैल जाती तो भारी तबाही हो सकती थी। पानी की उपलब्धता और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से एक बड़ी त्रासदी टल गई।” इस बीच, आग लगने के कारण का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।
इसी गांव में चार दिन पहले इसी तरह की एक घटना में चार गौशालाएं जलकर खाक हो गईं थीं। पेखरी गांव के घर काठकुनी वास्तुकला शैली में बने हैं, जिसमें पत्थर की चिनाई के साथ लकड़ी के कई घटक शामिल होते हैं। काठकुनी संरचनाएं भूकंपरोधी और ताप-कुशल होने के लिए प्रशंसित हैं, लेकिन लकड़ी पर निर्भरता के कारण ये अत्यधिक ज्वलनशील होती हैं। घरों की निकटता से आग तेजी से फैलती है।
आवासीय क्षेत्रों में संग्रहित ईंधन की लकड़ी और सूखा चारा, साथ ही घरों से जुड़े या उनके पास स्थित गौशालाएं, जोखिम को बढ़ाती हैं। कैप्शन: सोमवार को कुल्लू के बंजार उपमंडल के पेखरी गांव में ग्रामीण आग बुझाने में लगे हुए हैं।


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