गुरुग्राम पुलिस ने 4.97 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले में इंडसइंड बैंक (दिल्ली शाखा) के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने शेयर बाजार में निवेश पर लाभदायक रिटर्न का वादा किया था।
गिरफ्तार बैंक कर्मचारी पर साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने का आरोप है। अब तक गुरुग्राम पुलिस ने अलग-अलग साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कुल 27 बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल 30 नवंबर को 4.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में शिकायत मिली थी, जिसके बाद साइबर क्राइम ईस्ट थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मामले की जांच करते हुए साइबर पुलिस की एक टीम ने दिल्ली के रानी बाग निवासी अविनाश शर्मा और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी आदित्य चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया। आदित्य पिछले 2 साल से दिल्ली में इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के पद पर काम कर रहा था।
पुलिस जांच में पता चला है कि धोखाधड़ी में अविनाश के बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया था। अविनाश ने बैंक खाता 25,000 रुपये में आदित्य को दिया था। बैंक में काम करने के दौरान आदित्य की मुलाकात एक अन्य व्यक्ति से हुई, जिसने आदित्य को बचत बैंक खाता खोलने के बदले 10,000 रुपये और चालू खाता खोलने के बदले 50,000 रुपये देने का लालच दिया था। इसके बाद आदित्य ने बैंक खातों की जानकारी अविनाश को दे दी।
एसीपी (साइबर) प्रियांशु दीवान ने कहा, “अविनाश शर्मा के एक ही बैंक खाते के खिलाफ जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, असम, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 12 शिकायतें दर्ज हैं। हम आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं।”
उधर, साइबर पुलिस ने साइबर ठगी में शामिल एक व्यक्ति को बैंक खाता उपलब्ध कराने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान राजस्थान के गंगानगर के केदार कॉलोनी निवासी राजू के रूप में हुई है।