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हिमाचल प्रदेश में 18 करोड़ के क्रिप्टो धोखाधड़ी मामले में दो मुख्य संदिग्ध गिरफ्तार

Two main suspects arrested in Rs 18 crore crypto fraud case in Himachal Pradesh

शिमला, 3 अक्टूबर । हिमाचल प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम ने करीब 18 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्रिप्टो करेंसी से संबंधित मामलों की जांच के लिए 26 सितंबर को उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में 13 सदस्यों वाली एसआईटी का गठन किया गया था।

एसआईटी को बड़ी साजिश की जांच करने का निर्देश दिया गया है। कांगड़ा जिले के पालमपुर के पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान, खुलासा हुआ है कि राज्य के सुभाष शर्मा, सुखदेव ठाकुर, हेमराज ठाकुर और अन्य मुख्य संदिग्ध हैं।

पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि इस अपराध में उच्च रिटर्न के वादे और निवेशकों को लुभाने के लिए अतिरंजित दावों के साथ ‘कोर्वियो कॉइन’ नामक नकली क्रिप्टो करेंसी का प्रचार शामिल है।

संदिग्धों पर अपने फायदे के लिए क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में हेरफेर करने का आरोप है, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ। संदिग्धों ने ‘डीजीटी कॉइन’ और ‘बीटीपीपी टोकन’ जैसी नई क्रिप्टो करेंसी पर भी स्विच किया, जिससे निवेशकों के नुकसान के लिए नियम और मूल्य दोनों बदल गए।

इसके अलावा, शिकायतकर्ताओं का दावा है कि जब निवेशकों ने रिफंड मांगा या असंतोष व्यक्त किया तो आरोपियों ने उन्हें धमकी दी। उन पर संभावित सबूत मिटाने के लिए क्रिप्टो करेंसी से संबंधित ऑनलाइन रिकॉर्ड और वेबसाइटों को हटाने का भी आरोप है।

आरोपियों के खिलाफ कानूनी आरोपों में जालसाज़ी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि इस योजना का प्रभाव काफी बड़ा है और शिकायतकर्ताओं ने सामूहिक रूप से 18 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान की सूचना दी है।

अधिक लोगों या निवेशकों के आगे आने से होने वाला नुकसान बढ़ने की संभावना है। धोखाधड़ी 2018-19 में शुरू हुई और लगभग तीन वर्षों तक जारी रही। इसमें कहा गया कि एसआईटी ने 10 मामले उठाए हैं। 50 से अधिक शिकायतों की जांच चल रही है। इसमें शामिल रकम बहुत बड़ी है।

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा, ”हम हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी घोटाले के सरगनाओं तक पहुंच रहे हैं। हम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमने उनकी संपत्तियों की मैपिंग कर ली है और उनकी संपत्तियों की वित्तीय जांच कर रहे हैं।”

उन्होंने पीड़ितों से इस उद्देश्य के लिए गठित एसआईटी को अपने मामले की रिपोर्ट कराने के लिए आगे आने को कहा है।

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