हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम के तहत दर्ज मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की कैद और 1.05 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोषियों की पहचान नूंह के वार्ड 8 निवासी शाहरुख और पलवल जिले के हथीन थाने के अंतर्गत रूपडाका गांव निवासी अकील के रूप में हुई है।
यह मामला 2018 का है जब गौरक्षकों और बजरंग दल के सदस्यों ने गौ टास्क फोर्स के साथ नूंह में एक गोदाम पर छापा मारा और करीब 1,100 गाय की खाल और ओजरी से भरा एक वाहन जब्त किया। राजस्थान की जेल में बंद गौरक्षक दल के सदस्य मोनू मानेसर के बयान के आधार पर नूंह पुलिस ने आरोपी शाहरुख और अकील के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सहायक उप जिला न्यायवादी मोहित कुमार तंवर ने बताया कि नवंबर 2018 में सूचना के आधार पर बजरंग दल और गौ-तस्करी दल की टीम ने नूंह के वार्ड 8 स्थित एक गोदाम पर छापा मारा था। वहां खड़ी एक गाड़ी में 1100 खालें और ओजरी बरामद हुई थी। छापेमारी के दौरान दो युवक मौके से भाग गए थे। मुखबिर ने उनकी पहचान शाहरुख और अकील के रूप में की थी।
बरामद खाल और ओजरी के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे गए। जांच में पुष्टि हुई कि वे गोवंश के अवशेष हैं। दोनों आरोपियों को 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी मोहित कुमार तंवर ने बताया, “यह सुनवाई सात साल तक चली। 28 फरवरी को एडिशनल सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने अकील और शाहरुख को दोषी करार दिया। सोमवार को उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई गई। उन पर 1.05 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर दोनों को एक साल और जेल में रहना होगा।”
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