रांची, 15 जनवरी । 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में झारखंड में दो जगहों पर अनूठा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। जमशेदपुर में एक कलाकार जहां दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी रंगोली बना रहा है, वहीं हजारीबाग में कलाकारों की एक टोली 15 लाख प्लास्टिक बॉटलों के ढक्कनों से राम दरबार की विशाल झांकी बनाने में जुटी है।
दावा किया जा रहा है कि दोनों विशालकाय कलाकृतियों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
जमशेदपुर के केबुल टाउन स्थित स्वामी लक्ष्मीनारायण मंदिर के परिसर में विवेक मिश्रा 18 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में श्रीराम की छवि वाली रंगोली बना रहे हैं। उनके मुताबिक इतनी बड़ी पोट्रेट रंगोली दुनिया में आज तक नहीं बनाई गई है। वे बीते 5 जनवरी से इस काम में जुटे हैं और 20 जनवरी तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इस रंगोली को ड्रोन कैमरे की सहायता से एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा।
विवेक बताते हैं कि इतनी बड़ी रंगोली बनाने में करीब तेईस सौ किलोग्राम रंगों का इस्तेमाल किया गया है। कुल दस तरह के रंगों का प्रयोग किया जा रहा है। रंगोली निर्माण की पूरी प्रक्रिया चार सीसीटीवी कैमरों के जरिए कैद की जा रही है। इसके फुटेज को गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड्स की टीम को भेजा जाएगा।
इधर, हजारीबाग के सेंट कोलंबस मैदान में गिरिडीह निवासी कलाकार सुमित गुंजन की अगुवाई में 30 कलाकारों की टीम 15 लाख प्लास्टिक बॉटल के ढक्कनों की मदद से राम दरबार की झांकी बना रही है। ढक्कन हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर और धनबाद से इकट्ठा किए गए हैं।
सुमित बताते हैं कि आम तौर पर फेंक दी जाने वाली चीजों से कलाकृतियों के निर्माण की विधा को मोजाइक आर्ट कहा जाता है। सुमित वसुधा कल्याण नामक एक संस्था से जुड़े हैं, जो पर्यावरण स्वच्छता के लिए काम करती है। इसी संस्था के सदस्यों ने पांच महीने में 15 लाख प्लास्टिक के ढक्कन जमा किए हैं। उनकी सफाई के बाद प्राइमर चढ़ाया गया है और उन्हें अलग-अलग रंगों में रंगा गया है। इनका उपयोग कर लगभग 15 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में मनोहारी राम दरबार की कलाकृति सजाने का काम शुरू किया गया है।
हजारीबाग, धनबाद, बोकारो गिरिडीह, देवघर और दुमका से आए लगभग 30 कलाकार इसमें जुटे हैं। इसपर लगभग पांच लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। निर्माण कार्य में जुटे कलाकारों में अमित, अंजनी, नीरज, सूरज कुमार, मधुसूदन, मुस्कान, भारत, अजय, कुंदन, श्रीकांत, खुशी, ऋषि आदि शामिल हैं।
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