July 19, 2025
National

आरोप लगाने से पहले उद्धव ठाकरे को आईने में चेहरा देखना चाहिए : राम कदम

Uddhav Thackeray should look at his face in the mirror before making allegations: Ram Kadam

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में चुनाव आयोग के साथ भाजपा पर बड़ा हमला बोला। उद्धव ठाकरे के ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू पर महाराष्ट्र भाजपा के नेता राम कदम ने जवाब दिया है।

महाराष्ट्र में ‘ठाकरे ब्रांड’ को खत्म करने के आरोप पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि आरोप लगाने से पहले उन्हें अपना चेहरा आईना में देखना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के लोगों की ओर से सम्मान दिया जाता है। वे उन्हें ‘देवा भाऊ’ मानते हैं। उद्धव ठाकरे इससे इतने परेशान क्यों हैं? उनकी बेचैनी का कारण क्या है? जब कोई व्यक्ति आधी रात को भी किसी संकटग्रस्त व्यक्ति की मदद करता है, तो हम ऐसे व्यक्ति को ‘मानव रूप में भगवान’ मानते हैं। देवेंद्र फडणवीस निस्वार्थ भाव से लोगों के लिए काम करते हैं, अक्सर सुबह 3 बजे तक, उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए काम करते हैं। महाराष्ट्र उनके नेतृत्व से खुश है। जब कोई जनता के दुख-दर्द में उनके साथ खड़ा होता है, तो उसे सम्मान और प्रशंसा मिलती है। ‘देवा भाऊ’ का असली मतलब यही है।

राम कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने खुद ही ‘ठाकरे ब्रांड’ को समाप्त कर दिया। वह कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए। बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया। यही कारण है कि 60 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गए और उद्धव के पास कुछ भी नहीं बचा।

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे बताएं कि उनके घर के दरवाजे किनके लिए खुले रहते थे। कोविड-19 के दौरान इनके मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हुए थे।

उद्धव ठाकरे के ‘बटेंगे-कटेंगे’ बयान पर राम कदम ने कहा कि वह अब निराशा और हताशा की स्थिति में हैं, उन्हें कोई पूछ नहीं रहा है तो खुद ही कैमरा लगाकर खुद से सवाल-जवाब कर रहे हैं। जब उनके 8 मंत्री छोड़कर चले गए, तब से वह जमीन तलाश रहे हैं कि अब कितना जनाधार बचा है। उनकी पार्टी में जितने लोग हैं, वह भी साथ छोड़ने की तैयारी में हैं।

राम कदम ने कहा कि असली और नकली शिवसेना का फैसला जनता करती है और विधानसभा चुनाव में फैसला कर दिया है। किसके पास कितनी सीट आई, वो भी जानते हैं। उद्धव ठाकरे के उम्मीदवारों के जुलूस में पाकिस्तान समर्थित नारे लगाए गए थे, यही उनकी असलियत है।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि यह उनका निजी मामला है। हालांकि, राज ठाकरे को अगर किसी पर कार्रवाई करनी चाहिए, तो वह पहले अपने भाई पर करें, क्योंकि जबरन हिंदी थोपने की राजनीति उद्धव ठाकरे की देन है।

उन्होंने उद्धव ठाकरे को भाजपा के ऑफर पर कहा कि वह केवल एक व्यंग्य था। भाजपा के पास 90 प्रतिशत से ज्यादा बहुमत है और हमें ऐसे नेताओं की कोई जरूरत नहीं जो पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने वालों के साथ रहते हैं।

उन्होंने जन सुरक्षा बिल पर विपक्ष के आरोप पर कहा कि पहले चार जिलों में नक्सलवाद फैला हुआ था, अब सिर्फ दो तहसीलों में सिमट चुका है। क्या विपक्ष नक्सलवाद को बढ़ावा देना चाहता है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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