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उदित राज ने कहा, वक्फ संशोधन कानून संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

Udit Raj said, Waqf Amendment Act violates the fundamental rights of the Constitution, filed a petition in the Supreme Court

कांग्रेस नेता उदित राज ने रविवार को वक्फ संशोधन विधेयक को काला कानून करार देते हुए इसे संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी।

उदित राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक (काला कानून) संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। यह केवल मुस्लिम समाज का मामला नहीं है, बल्कि सभी संविधान के रक्षक का है। दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी (डोमा) की तरफ से मैंने भी सुप्रीम कोर्ट में पेटिशन (याचिका) फाइल की है। हमारे वरिष्ठ वकील शाहिद अली जी हैं। कोर्ट में याचिका पर सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।”

बता दें कि इससे पहले 10 अप्रैल को कांग्रेस नेता उदित राज ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि गरीब मुसलमानों के साथ वक्फ बोर्ड अन्याय कर रहा था, इसीलिए एमेंडमेंट किया गया है। जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा वक्फ बोर्ड की संपत्ति को छीनने का सारा प्रपंच कर रही है।”

ज्ञात हो कि संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल चुकी है। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।

विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद लोकसभा ने 3 अप्रैल को तड़के और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को तड़के इसे मंजूरी प्रदान की। लोकसभा में इसके समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे, जबकि ऊपरी सदन में इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े थे।

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