कीव, यूक्रेनी संसद ने दिमित्रो कुलेबा की जगह एंड्री सिबिहा को देश का नया विदेश मंत्री नियुक्त करने के लिए मतदान किया है। लॉ मेकर ओलेक्सी होन्चारेंको ने इसकी जानकारी दी।
होन्चारेंको ने गुरुवार को टेलीग्राम पर कहा कि सिबिहा ने उपस्थित 315 सांसदों में से 258 का समर्थन हासिल किया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले गुरुवार को संसद ने कुलेबा को बर्खास्त करने के लिए मतदान किया, जिन्होंने बुधवार को अपना इस्तीफा दे दिया था।
49 वर्षीय साइबिहा ने पहले राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया था और अप्रैल में कुलेबा के डिप्टी बने। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के साथ युद्ध के अहम मोड़ पर हो रहे फेरबदल के बारे में कहा है कि देश को “नई ऊर्जा” की जरूरत है।
सिबिहा, एक डिप्लोमैट रहे हैं और इन्होंने जेलेंस्की के कार्यालय में कई सालों तक काम किया। वह गुरुवार को नियुक्त किए जाने वाले 8 नए मंत्रियों में से एक हैं। आलोचकों ने कहा है कि यह फेरबदल राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक के साथ संबद्ध जेलेंस्की के वफादारों के एक छोटे समूह द्वारा सत्ता पर काबिज होने की कोशिश है।
तुर्की में पूर्व राजदूत सिबिहा ने यरमैक के डिप्टी के रूप में भी काम किया था।
इसके साथ ही युद्ध के दौरान यूक्रेन की रेलवे को चालू रखने का काम करने वाले लोकप्रिय व्यक्ति अलेक्जेंडर कामिशिन को भी सामरिक उद्योग मंत्रालय से राष्ट्रपति कार्यालय में स्थानांतरित किया जा रहा है।
यूक्रेन पर रूसी हमलों के बीच बड़े स्तर पर हो रहे फेरबदल को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। ये नियुक्तियां तब हुई हैं जब जेलेंस्की इस महीने के अंत में अमेरिका की यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं।
जेलेंस्की ने बार-बार सहयोगियों से उन प्रतिबंधों को हटाने का आह्वान किया है जो कीव को रूस में लंबी दूरी के हमलों के लिए पश्चिमी हथियारों का उपयोग करने से प्रतिबंधित करते हैं।
रूसी सेनाएं पूर्व में आगे बढ़ रही हैं और उन्होंने कीव और अग्रिम पंक्ति से दूर अन्य यूक्रेनी शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के अपने अभियान को तेज कर दिया है। आरोप है कि बिजली क्षेत्र और अन्य बुनियादी ढांचे पर रूस की ओर से लगभग रोज हमले हो रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि कुर्स्क के रूसी क्षेत्र में यूक्रेन की घुसपैठ नाकाम रही है बल्कि यूक्रेन की अग्रिम पंक्ति ही कमजोर साबित हुई है।
रूस के इस दावे का प्रतिवाद नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने किया, जिन्होंने ओस्लो में संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन ने अपने कुर्स्क आक्रमण में बहुत कुछ हासिल किया है।
पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में कहा कि रूसी सेना धीरे-धीरे यूक्रेनी सैनिकों को कुर्स्क से बाहर धकेल रही थी, जहां 6 अगस्त को यूक्रेन ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस पर सबसे बड़ा विदेशी आक्रमण किया गया था।