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बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत हुई, नौकरी और कौशल विकास पहली प्राथमिकता : आर्थिक सर्वे

Unemployment rate decreased to 3.2 percent, job and skill development first priority: Economic Survey

नई दिल्ली, 22 जुलाई लेबर मार्केट इंडिकेटर्स में पिछले छह वर्षों में काफी सुधार हुआ है, जिसके कारण वित्त वर्ष 2022-23 में बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वे 2023-24 में यह जानकारी दी गई है।

भारत की अनुमानित वर्कफोर्स 56.5 करोड़ है। इसमें 45 प्रतिशत लोग कृषि, 11.4 प्रतिशत लोग मैन्युफैक्चरिंग, 28.9 प्रतिशत लोग सर्विसेज और 13 प्रतिशत लोग निर्माण क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं।

सर्वे में अनुमान जताया गया है कि बढ़ते हुए कार्यबल को रोजगार देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को गैर-कृषि क्षेत्र में करीब 78.51 लाख रोजगार वार्षिक तौर पर पैदा करने की आवश्यकता है।

सर्वेक्षण में कहा गया कि सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही कर्मचारियों के कल्याण को बढ़ावा दिया है।

सर्विस सेक्टर नौकरी पैदा करने में सबसे आगे रहा है। सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिए जाने के कारण निर्माण क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या अनुमान के आधार पर भारत में काम करने योग्य आबादी (15 से 59 वर्ष) 2044 तक लगातार बढ़ती रहेगी।

अनुमान में कहा गया कि 51.25 प्रतिशत युवा रोजगार योग्य हैं।

सर्वेक्षण में नोट में कहा गया कि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हर दो में से एक युवा अभी भी रोजगार के योग्य नहीं है। हालांकि, पिछले एक दशक में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत से बढ़कर 51.3 प्रतिशत हुआ है।

इस आंकड़े के बढ़ने की वजह सरकार की ओर से कौशल विकास प्रोग्राम ‘स्किल इंडिया’ का चलाया जाना है।

सर्वे में कहा गया कि छोटी से मध्यम अवधि में नीतियों का फोकस नौकरी और कौशल विकास के अवसर पैदा करना, कृषि क्षेत्र की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना, एमएसएमई सेक्टर में रुकावटों की पहचान करना, कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को बड़ा करना, असमानता को दूर करना और युवा आबादी के स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करना है।

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