धौलपुर, 10 जुलाई । राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी में एक शिक्षक ने पारंपरिक शादी के उपहारों से हटकर अपनी बेटी की शादी में आए बारातियों को एक अनोखा उपहार दिया।
चिलाचोंद गांव के शिक्षक रामविलास रावत पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहते थे और आने वाले कल को सुरक्षित रखने की कोशिश में जुटे थे। यही वजह है कि बेटी की शादी में आए बारातियों को उन्होंने उपहार में पौधा दिया। इसके साथ ही उन्होंने बारातियों को पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
शिक्षक रामविलास रावत की बेटी नीलम की शादी भरतपुर के धर्मवीर मीना के बेटे हरेंद्र से हुई थी। दोनों की शादी बाड़ी के संतनगर रोड स्थित एक मैरेज होम में हुई। शादी में बारातियों को क्या उपहार दिया जाए, इस पर उन्होंने काफी सोच-विचार कर फैसला लिया। उन्होंने तय किया कि वह हर बाराती को एक-एक पौधा और उसके लिए जरूरी कुछ सामान का किट भेंट करेंगे। हर बाराती से निवेदन करेंगे कि वह उस पौधे को उचित स्थान पर लगाकर उसकी देखभाल करें। जिससे बिगड़ते पर्यावरण को फिर से सशक्त बनाया जा सके, क्योंकि जब तक इस धरती पर जंगल है, हरियाली है, पेड़-पौधे हैं तब तक ही जीवन संभव है।
इस शादी में कई मेहमान शामिल हुए, सभी मेहमानों को एक पौधा, मिट्टी, खाद और कीटनाशक युक्त एक किट दी गई। रावत ने मेहमानों से हाथ जोड़कर अपील की कि वह पौधे को उपयुक्त स्थान पर लगाएं और उनकी देखभाल करें, उन्होंने धरती पर जीवन को बनाए रखने में पेड़ों के महत्व पर जोर दिया।
पौधा वितरण की इस अनूठी पहल को लेकर शिक्षक रामविलास रावत ने बताया कि हम जंगल से जुड़े हुए हैं। बिना जंगल के मानव का जीवन संभव नहीं है। आज स्थिति यह आ गई है कि जंगल के साथ पर्यावरण खतरे में है। जिसके पीछे हम ही सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। लेकिन, इस जिम्मेदारी से अब हमें ही निपटना होगा। जिसके लिए हर एक व्यक्ति के लिए पौधा लगाना जरूरी है।
इस पहल की क्षेत्र में व्यापक रूप से सराहना की गई है। कई लोगों ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए रावत के प्रयासों की प्रशंसा की है। शादी में आए मेहमान पौधे पाकर बहुत खुश हुए और उन्होंने इस अनोखे उपहार के पीछे की सोच की सराहना की।
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